Bihar News:-सारण में नकली शराब से हुई मौत की संख्या छुपा रही है प्रशासन , बिना पोस्टमार्टम के जलाये 32 लाश
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Drishti Now Ranchi
सारण में नकली शराब से हुई मौतों की संख्या को प्रशासन ने छुपाया था। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की रिपोर्ट के मुताबिक नकली शराब से सारण में 42 के बजाय 77 लोगों की मौत हुई है. दूसरों को दृष्टि हानि का सामना करना पड़ा। इस समस्या के प्रकाशन के तीन महीने बीत चुके हैं। बुधवार को इसमें रिपोर्ट जारी हुई।घटना की जांच के लिए आयोग की टीम 21, 22 और 23 दिसंबर को पहुंची थी। उसकी रिपोर्ट पहले ही सार्वजनिक की जा चुकी है। 18 पेज की रिपोर्ट के मुताबिक, शराब पीने से मरने वाले 32 लोगों के शरीर को बिना पोस्टमॉर्टम के जला दिया गया था|मरने वालों में ज्यादातर किसान, मजदूर, ड्राइवर, चाय बेचने वाले, फेरीवाले या बेरोजगार लोग थे। बहुमत (75%) निचली जातियों से आते हैं। आयोग की जांच टीम को न तो सुरक्षा मिली और न ही सहयोग।
पीड़ितों से बात कर उन्हें और जानकारी मिली। आयोग के अनुसार, पीड़ितों को किसी भी प्रकार का पुनर्वास नहीं दिया जाएगा।उनका दावा है कि मृतक के परिजनों को 4 लाख का मुआवजा देना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है। रिपोर्ट में पटना उच्च न्यायालय की एक टिप्पणी का हवाला दिया गया है जो शराबबंदी कानून के अधूरे कार्यान्वयन पर प्रकाश डालती है।
मद्य निषेध, उत्पाद और निबंधन विभाग ने फिर कहा- 77 नहीं, 42 ही मरे
मद्य निषेध, उत्पाद और निबंधन विभाग ने मानवाधिकार आयोग की इस बात को नकारा कि सारण शराब कांड में 77 मौतें हुईं। विभाग के अनुसार, 42 लोगों की ही मौत हुई। विभाग ने आयोग की इस बात पर भी आपत्ति दर्ज की कि ‘शराबबंदी पूर्णता में कामयाब नहीं है।’
विभाग ने कहा कि शराबबंदी कानून तोड़ने वालों पर लगातार कार्रवाई हो रही है। हालिया सर्वे के अनुसार 1.82 करोड़ लोगों ने शराब पीनी छोड़ दी।
रिपोर्ट की खास बातें
-पुलिस-प्रशासन से लेकर चिकित्सा व्यवस्था की कमियों की खासी चर्चा।
-मरने वाले गरीब और दैनिक कामगार, कई लोगों की आंखों की रोशनी भी गई।
-मृतक के परिजनों को 4 लाख मुआवजा देना जिला प्रशासन का काम।
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