CM:-हेमंत सोरेन से झारखंड मंत्रालय में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने मुलाकात की अवस्थित कोल माइंस से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर हुई उच्च स्तरीय बैठक
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Drishti Now Ranchi
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन और केंद्रीय कोयला मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी की उपस्थिति में झारखंड में अवस्थित कोल माइंस से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अधिकारियों के बीच उच्च स्तरीय बैठक हुई । इस बैठक में विशेषकर राजमहल – ,तालझारी कोल परियोजना, हुर्रा कोल परियोजना, सियाल कोल परियोजना को ऑपरेशनल बनाने में आ रही अड़चनों तथा समस्याओं और उसके निदान को लेकर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ । इसके अलावा यहां के खदानों की नीलामी को लेकर भी चर्चा हुई । इस दौरान मुख्यमंत्री ने कोल माइंस के लिए जमीन अधिग्रहण, रैयतों को मुआवजा, विस्थापितों के पुनर्वास और नौकरी एवं सरकार को मिलने वाले रेवेन्यू को लेकर अपना पक्ष रखा। केंद्रीय कोयला मंत्री ने मुख्यमंत्री से कहा कि कोल खनन को लेकर राज्य सरकार की जो भी मांग है , उस पर केंद्र सरकार विचार विमर्श कर आवश्यक कार्रवाई करेगी ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सीसीएल, बीसीसीएल और ईसीएल के द्वारा कोयला उत्पादन के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाता है । ऐसे में सरकार ने निर्णय लिया है कि इन सभी कोल माइंस में 75 परसेंट नौकरी स्थानीय लोगों को दिया जाए । इसके अलावा कोल माइंस के लिए जो टेंडर कॉन्ट्रैक्ट जारी किए जाते हैं , उसने भी स्थानीय लोगों को हर हाल में प्राथमिकता मिलनी चाहिए ।इससे जहां कोल माइंस को ऑपरेशनल बनाने में आ रही अड़चनें खत्म होगी , वही स्थानीय लोगों को भी व्यापक स्तर पर रोजगार के मौके मिलेंगे। उन्होंने रैयतों को मुआवजा और सरकार को सरकारी जमीन के अधिग्रहण केबदले मिलने वाले रेवेन्यू को लेकर भी केंद्रीय कोयला मंत्री के समक्ष अपना पक्ष रखा ।
झारखण्ड सरकार एवं कोल इंडिया भारत सरकार की अनुषंगी कंपनी @CCLRanchi एवं @easterncoal के साथ #MoU संपन्न हुआ। https://t.co/KfShWFFW9c pic.twitter.com/JWgkZxAf8s
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) February 17, 2023
इस मौके पर कोयला मंत्रालय और ईसीएल के अधिकारियों ने राजमहल तालझारी कोल परियोजना के चालू करने में आ रही अड़चनों से राज्य सरकार को अवगत कराया । उन्होंने कहा कि अगर इसे चालू नहीं किया गया तो ईसीएल को बंद करने की तक की नौबत आ सकती है । इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ना सिर्फ इस कोल परियोजना बल्कि झारखंड में स्थित सभी कोल परियोजनाओं में नौकरी और एक तय की गई राशि का टेंडर कॉन्ट्रैक्ट हर हाल में स्थानीय को मिले । इस मुद्दे पर केंद्रीय कोयला मंत्री ने कहा कि राजमहल तालझारी कोल परियोजना में अगले 2 साल तक के लिए एक करोड़ रुपए तक का टेंडर स्थानीय को दिया जाएगा । आने वाले दिनों में इसे सभी कोल कंपनियों में लागू किए जाने का आश्वासन दिया।
उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने विभिन्न कोल परियोजनाओं में सुरक्षा मानकों का पूरा ख्याल नहीं रखे जाने तथा विस्थापितों को बार-बार एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करने का भी मुद्दा रखा। यह भी कहा कि सीसीएल, बीसीसीएल और ईसीएल के द्वारा कोयला खनन के लिए जितना जमीन का अधिग्रहण किया जाता है, उसका इस्तेमाल नहीं होता है । वह जमीन यूं ही पड़ी होती है । इस अनुपयोगी जमीन के हस्तांतरण के मुद्दे को भी उन्होंने केंद्रीय कोयला मंत्री के समक्ष रखा ।
बैठक में राजमहल के सांसद श्री विजय हांसदा ने कहा कि कोल कंपनियों द्वारा जमीन अधिग्रहण के बाद विस्थापितों का जहां पुनर्वास किया जाता है , उस जमीन का सेटलमेंट कागज उन्हें नहीं दिया जाता है। इस कारण उन्हें स्थानीय प्रमाण पत्र बनाने में तकनीकी अड़चनों का सामना करना पड़ता है । कोयला मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि इस समस्या का समाधान करने के लिए आवश्यक पहल की जाएगी ।