कोयला की वजह से गहराता जा रहा है राज्य में बिजली संकट सोमबार को 1569 मेगावाट पावर ही किया गया दर्ज 1829 मेगावाट की थी मांग।

कोयला की वजह से गहराता जा रहा है राज्य में बिजली संकट सोमबार को 1569 मेगावाट पावर ही किया गया दर्ज 1829 मेगावाट की थी मांग।

{ अनुशील ओझा }कोयला के ही राज्य में कोयले की ही वजह से पावर प्लांटों से बिजली उत्पादन का संकट अपने चरम पर है. कल सोमवार को भी झारखंड में 260 मेगावाट की लोड शेडिंग दर्ज की गई . खैर , प्रदेश की राजधानी रांची में लोड शेडिंग को न्यूनतम स्तर पर ही रखा गया है .पीक आवर यानि रात आठ बजे से लेकर पूरी रात तक राज्यभर में 260 मेगावाट की लोड शेडिंग कर आपूर्ति की गई थी.
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जिसके वजह से राजधानी रांची में तो मुश्किलात बहुत काम दर्ज की गई लेकिन अन्य जिलों में प्रत्येक एक-एक घंटे पर लोड शेडिंग की प्रक्रिया जारी रही . सोमवार के दिन तेनुघाट की यूनिट नंबर दो से 156 मेगावाट बिजली , सिकिदिरी हाइडल से 109 मेगावाट बिजली, सीपीपी से 14 मेगावाट बिजली , इनलैंड पावर से 52 मेगावाट बिजली (टोटल 331 मेगावाट) झारखंड को मिला .वही सेंट्रल पूल से 638 मेगावाट बिजली और डीवीसी से 600 मेगावाट बिजली जो की टोटल 1569 मेगावाट पावर ही दर्ज किया गया है .
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खैर , सोमवार को पीक आवर के समय टोटल 1829 मेगावाट बिजली की मांग थी. जिसके कारन झारखण्ड में 260 मेगावाट की लोड शेडिंग चल रही थी. झारखंड बिजली वितरण निगम द्वारा ऐसा बताया गया है कि रात 9.35 बजे से जब मांग कम होने लगी तब लोड शेडिंग हटा लिया गया था.खैर खैर देखने वाली बात ये होगी की कोयला के राजधानी कहे जाने वाले राज्ये में कोयला संकट और साथ में बिजली का संकट कब होगा।
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