20250710 124854

लोहरदगा भूमि संरक्षण विभाग में भ्रष्टाचार का बोलबाला, दर्जनों शिकायतों के बावजूद जांच में देरी 

लोहरदगा भूमि संरक्षण विभाग में भ्रष्टाचार का बोलबाला, दर्जनों शिकायतों के बावजूद जांच में देरी

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

लोहरदगा : आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा: भूमि संरक्षण विभाग, लोहरदगा में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। पानी पंचायत के लाभुकों और भारतीय सूचना अधिकार रक्षा मंच ने विभाग के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोपों में रिश्वतखोरी, भुगतान में देरी, और सरकारी योजनाओं में अनियमितता जैसे मुद्दे शामिल हैं।

भारतीय सूचना अधिकार रक्षा मंच के मुताबिक मंच ने उपायुक्त, लोहरदगा को 25 अप्रैल, 2025 को पत्रांक 16/2025 के माध्यम से सबूतों के साथ शिकायत दर्ज की थी, जिसमें विभागीय अधिकारियों पर रिश्वत मांगने और कार्यों में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया गया। उपायुक्त ने पत्रांक 941/आo (29 अप्रैल, 2025) के तहत अनुमंडल पदाधिकारी और उप विकास आयुक्त को जांच के निर्देश दिए, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

प्रमुख शिकायतें:
1. झकरा कुंबा समिति, कुरु : 18 मार्च, 2025 को दर्ज शिकायत में रिश्वत और भ्रष्टाचार का आरोप, कोई कार्रवाई नहीं।
2. आदिवासी पाहा समिति, कैरो : 35% रिश्वत लेकर काम कराने का आरोप, शिकायत (18 मार्च, 2025) पर अब तक कोई सुनवाई नहीं।
3. पानी पंचायत बबलू : अध्यक्ष सुमारी देवी और सचिव मनीष कुजूर ने 30,000-40,000 रुपये रिश्वत मांगने की शिकायत की (22 अप्रैल, 2025), भुगतान रुका हुआ।
4. पानी पंचायत बदरु कैद टोली : अध्यक्ष लोरन उरांव और सचिव राजीव गो ने 35% रिश्वत की मांग का आरोप लगाया (22 अप्रैल, 2025), भुगतान लंबित।
5. पानी पंचायत बबलू जामुन टोली : अध्यक्ष दिगंबर भगत और सचिव अनीता लकड़ा ने 1,10,000 रुपये रिश्वत मांगने की शिकायत की (22 अप्रैल, 2025), कोई कार्रवाई नहीं।
6. पानी पंचायत हिशरी नवा टोली : अध्यक्ष मंगरू कुजूर और सचिव बलदेव बारा ने 1,10,000 रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया (22 अप्रैल, 2025), भुगतान नहीं हुआ।
7. पानी पंचायत जमीरा : अध्यक्ष सनातन भगत और सचिव मुख्तार अंसारी ने वर्क ऑर्डर के लिए 10,10,000 रुपये रिश्वत मांगने की शिकायत की (3 अप्रैल, 2025), कोई कार्रवाई नहीं।
8. पानी पंचायत अहीर टोला झगड़ा : अध्यक्ष शमीम अंसारी और सचिव जमाल अंसारी ने 1,40,000 रुपये रिश्वत मांगने और 26,000 रुपये लेने का आरोप लगाया (3 जून, 2025), कोई कार्रवाई नहीं।
9. पानी पंचायत गड़गांव : अध्यक्ष बसंती देवी और सचिव कार्तिक सिंह ने तालाब जनोधार के लिए 90,000 रुपये रिश्वत मांगने की शिकायत की (8 जून, 2025), वर्क ऑर्डर नहीं मिला।
10. पानी पंचायत अलौदी : अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद साहू और सचिव बुधवार लोहरा ने 5,95,000 रुपये रिश्वत मांगने की शिकायत की (3 जून, 2025), भुगतान रुका हुआ।
11. सहायक भूमि संरक्षण पदाधिकारी पर आरोप : नमन प्रभात सुरीन, जो पहले खूंटी में तैनात थे, पर बिना प्रशासनिक स्वीकृति के काम कराने और दस्तावेज चोरी का आरोप। खूंटी में प्राथमिकी (62/25, 18 मार्च, 2025) दर्ज।

अन्य गंभीर आरोप
वर्क ऑर्डर में देरी : लाभुकों को रिश्वत दिए बिना वर्क ऑर्डर नहीं मिलता।
चेक और हस्ताक्षर का दुरुपयोग : भुगतान से पहले लाभुकों से चेक और हस्ताक्षर लिए जाते हैं, जिसके बाद बिचौलियों द्वारा राशि निकासी की जाती है।
सूचना का अधिकार (RTI) का उल्लंघन : RTI के तहत जानकारी मांगने पर गुमराह किया जाता है या धमकियां दी जाती हैं।
निजी तालाबों का घोटाला : सरकारी तालाबों को निजी तालाब के रूप में दिखाकर और पुराने मेड़ को तोड़कर नया बनाकर राशि का दुरुपयोग।
विधायकों की अनुशंसा नजरअंदाज : तालाब जनोधार और डीप बोरिंग के लिए विधायकों और उपायुक्त की मंजूरी के बावजूद प्रशासनिक स्वीकृति नहीं दी जाती।

लाभुकों की परेशानी:
पानी पंचायतों के लाभुकों का कहना है कि बिना रिश्वत दिए न तो वर्क ऑर्डर मिलता है और न ही भुगतान। कई मामलों में लाभुकों से पहले ही चेक और हस्ताक्षर ले लिए जाते हैं, जिसके बाद बिचौलियों के माध्यम से राशि की निकासी की जाती है और अधिकारियों के बीच बंटवारा होता है। यह प्रक्रिया न केवल पारदर्शिता की कमी को दर्शाती है, बल्कि आम जनता के विश्वास को भी ठेस पहुंचा रही है।

मंच की मांग और चेतावनी:
भारतीय सूचना अधिकार रक्षा मंच ने उपायुक्त से निम्नलिखित मांगें की हैं:
– **उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन**: सभी शिकायतों की गहन और पारदर्शी जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति बनाई जाए।
– **मंच की भागीदारी**: जांच प्रक्रिया में मंच को शामिल किया जाए ताकि निष्पक्षता सुनिश्चित हो।
– **तत्काल कार्रवाई**: रिश्वतखोरी, भुगतान में देरी, और अनियमितताओं पर तुरंत रोक लगाई जाए।
– **RTI नियमों का पालन**: सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी समय पर उपलब्ध कराई जाए।

मंच ने चेतावनी दी है कि यदि इन मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो पानी पंचायत लाभुकों और आम जनता के साथ मिलकर एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इसके साथ ही, मंच ने न्यायपालिका का रुख करने की बात भी कही है।

 

Share via
Send this to a friend