एक अप्रैल से नयी शराब नीति(Drug & Alcohol Policy) लागू करने की तैयारी, छत्तीसगढ़ के थोक कारोबारियों की होगी इंट्री, हर बॉर्डर पर बनेगा चेकपोस्ट
Ranchi:(Drug & Alcohol Policy) झारखंड सरकार का शराब कारोबार निजी हाथों में देना कारगर साबित नहीं हुआ. उत्पाद विभाग ने जितने राजस्व की लक्ष्य रखा था वो पूरा नहीं हो पाया. अब उत्पाद विभाग छत्तीसगढ़ की तर्ज पर शराब बेचने की योजना पर काम कर रहा है. उत्पाद विभाग ने छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग निगम के साथ एक करोड़ रुपए का करार किया है. करार के मुताबिक झारखंड में भी छत्तीसगढ़ की तर्ज पर शराब कारोबार करने की योजना बनानी है. छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग निगम के कर्मी झारखंड के एक नामी होटल में ठहरे हुए हैं. वो यहीं से अपना काम कर रहे हैं. लक्ष्य है कि एक अप्रैल से नयी शराब नीति शुरू कर दी जाए. नयी नीति शुरू होते ही शराब कारोबार पर निजी हाथों का एकक्षत्र राज खत्म हो जाएगा. थोक शराब सिंडीकेट पूरे कारोबार से बाहर हो जाएगा. अभी थोक शराब पर मिहीजाम और संथाल के ही कुछ लोगों का कब्जा है. जिसे सरकार खत्म करने की मुहिम में जुटी है.
झारखंड(JHARKHAND) में दोपहिया व चारपहिया वाहनों की रफ्तार की सीमा तय, जानें-किस रोड पर कितनी गति से चला सकते हैं वाहन
छत्तीसगढ़ शराब कारोबारियों की होगी इंट्री
छत्तीसगढ़ में जिस नीति से शराब का कारोबार हो रहा है, उससे सरकार को काफी राजस्व का मुनाफा हो रहा है. साथ ही शराब कारोबार से जुड़े लोग भी फायदे में हैं. वैसा ही मसौदा झारखंड के लिए भी तैयार किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग निगम जो नीति तैयार कर रहा है, उससे थोक और खुदरा शराब कारोबार तो सरकार के हाथों में रहेगा. लेकिन कंट्रोल छत्तीसगढ़ के कुछ शराब कारोबारियों के हाथों में होगा. अभी शराब का होलसेल करीब 23 जिलों में है. उसे घटाकर पांच करने की योजना है. इन्हीं पांचों होलसेल के पास थोक शराब का सारा काम होगा. ये पांचों होलसेल के कारोबारी छत्तीसगढ़ के होंगे. जो एक तरह से सिंडीकेट का काम करेंगे. ऐसा होने से झारखंड के थोक शराब कारोबारी खुद ही कारोबार से बाहर हो जाएंगे. ऐसा करने के पीछे संथाल को सिंडीकेट को साइड करना और कारोबार से ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाना बताया जा रहा है.
मोबाइल(MOBILE) कंज्यूमरों को बड़ी राहत : अब 30 दिन का होगा रिचार्ज वेलिडेटी
इन बॉर्डरों पर लगेगा चेक पोस्ट
शराब कारोबार में उत्पाद विभाग की पूरी पकड़ हो, इसके लिए भी योजना पुख्ता तरीके से तैयार की जा रही है. झारखंड में दूसरे शराब कारोबारी भी एक्टिव है, जिन्हें सराकर की तरफ से शराब बेचने का लाइसेंस नहीं है. ये चोरी-छिपे शराब की खपत कराते हैं. जिससे सरकार के राजस्व पर असर पड़ता है. इन शराब कारोबारियों पर नकेल कसने के लिए राज्य के हर उस जिले में उत्पाद विभाग के चेकपोस्ट बनाने की तैयारी है, जहां से शराब राज्य के अंदर या बाहर जा सकता है. गढ़वा, सरायकेला, जमशेदपुर, बोकारो, धनबाद, कोडरमा और हजारीबाग में ऐसे चेकपोस्ट बनाए जाने की योजना है. यहां तैनात उत्पाद विभाग के कर्मी हर आती जाती वाहन को चेक करेंगे. ताकि अवैध शराब कारोबार पर नकेल लग सके.