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ED:-वैभव मणि त्रिपाठी पहुंचे ईडी ऑफिस , कल कोलकत्ता के एडिशनल रजिस्ट्रार त्रिदीप मिश्रा से होगी पूछताछ

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प्रेरणा चौरसिया

Drishti  Now  Ranchi

रांची के सब रजिस्ट्रार वैभव मणि त्रिपाठी सेना के जमीन घोटाले को लेकर ईडी की पूछताछ का जवाब देने के लिए हिनू स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे हैं. इस मामले में ईडी सात लोगों से पहले ही पूछताछ कर चुकी है। आईएएस छवि रंजन से भी इसी दौरान पूछताछ की गई है। उन्हें ईडी का दूसरा फोन आया है। हाल के साक्षात्कार के दौरान, भूमि घोटाले में गिरफ्तार संदिग्ध ने आईएएस छवि रंजन को योजना के सूत्रधार के रूप में पहचाना। आईएएस छवि रंजन से अब दूसरे दौर की पूछताछ शुरू होगी।

आखिर क्यों  बुलाये गए वैभव मणि त्रिपाठी 

फर्जी दस्तावेज पेश कर रांची में सेना की जमीन बेच दी गई है. ईडी इस मामले को देख रहा है। सेना के इस जमीन धोखाधड़ी मामले में ईडी ने 13 अप्रैल को छापेमारी की थी। दरअसल, सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन को गलत तरीके से बेचने का आरोपी प्रदीप बागची है। बागची सेना की जमीन की खरीद-बिक्री के लिए फर्जी कागजी कार्रवाई करने के लिए जिम्मेदार था। सेल डीड नंबर 4369 की मदद से प्रदीप बागची के पूर्वज प्रफुल्ल बागची ने 1932 में खतियानी रयात प्रमोद दास गुप्ता से यह जमीन हासिल की थी। इस सेल डीड की फर्जी रजिस्ट्री पश्चिम बंगाल में प्रदर्शित की गई थी।

अब इनसे होगी पूछताछ 

सेना के जमीन घोटाले मामले में सभी से पूछताछ नहीं की जाएगी। सब रजिस्ट्रार वैभव मणि त्रिपाठी के बाद कोलकाता के अतिरिक्त रजिस्ट्रार त्रिदीप मिश्रा से पूछताछ की जाएगी. उन्हें 2 मई को ईडी कार्यालय में पेश होने का अनुरोध किया गया है। साथ ही चार मई को रांची की पूर्व डिप्टी कमिश्नर छवि रंजन से गवाही देने को कहा है. इससे पहले एक मई को उन्हें ईडी कार्यालय में पेश होना था। ईडी ने 8 मई को रांची के कारोबारी विष्णु अग्रवाल का साक्षात्कार निर्धारित किया है।

सात आरोपी भेजे जा चुके हैं जेल
इसी मामले में 13 अप्रैल को छापेमारी की गयी। जिसके बाद सात लोगों को गिरफ्तार किया गया। उनसे लगभग 12 दिन पूछताछ की गयी। उसके बाद बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन का फर्जी विक्रेता प्रदीप बागची सहित कुल सात आरोपितों को जेल भेज दिया है। इन पर सेना की जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ करने, फर्जीवाड़ा करने व फर्जी दस्तावेज के आधार पर होल्डिंग नंबर लेने, फर्जी कब्जा दिखाकर जमीन बेचने आदि के आरोपों की पुष्टि हो चुकी है।
आरोपियों ने कहा – छवि रंजन की मास्टर माइंड
जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार सात लोगों से ईडी पूछताछ की। सभी ने पूछताछ में छवि रंजन के सामने ही स्वीकार कर लिया कि इस पूरे जमीन घोटाले का मास्टरमाइंड छवि रंजन हैं। उनके कहने पर ही जमीन कारोबारियों ने जालसाजी की। कोलकाता रजिस्ट्री कार्यालय के पदाधिकारियों की भूमिका इसलिए संदेह के घेरे में है कि वहां के रजिस्ट्री कार्यालय से ही मूल डीड निकालकर आरोपितों ने उसमें जाली कागजात लगाया, मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ की।

 

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