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कच्चे माल की कीमतों में अप्रत्याशित बढोत्तरी से उद्यमी संकट में : चैंबर.

Team Drishti.

राँची : पहले लाॅकडाउन और अब कच्चे माल की कीमतों में अप्रत्याशित बढोत्तरी के कारण उद्यमियों के समक्ष उत्पन्न कठिनाईयों पर आज चैंबर भवन में एक बैठक संपन्न हुई। यह कहा गया कि कच्चे माल की कीमतों में असामान्य और तेज वृद्धि के कारण एमएसएमई को तीव्र संकट का सामना करना पड रहा है। विदित हो कि एमएसएमई द्वारा उपभोग किये जानेवाले अधिकांश कच्चे माल यथा ईस्पात, प्लास्टिक कच्चा माल, तांबा, स्टेनलेस स्टील, प्राकृतिक रबर में पिछले चार महीनों में 50 से 150 प्रतिशत वृद्धि हुई है। महंगा कच्चा माल लेकर उत्पादन करने से लागत बढती जा रही है, जिस कारण उत्पादों की बाजार में मांग घट रही है। इस तरह एक तरफ जहां उपभोक्ताओं को महंगा उत्पाद मिल रहा है, वहीं मांग नहीं होने से उद्यमियों को उत्पादन जारी रख पाना मुश्किल हो रहा है।

बैठक के उपरांत चैंबर द्वारा केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री श्री पियूष गोयल को पत्राचार कर यह आग्रह किया गया कि सरकार को कच्चे माल की कीमत में इस तरह की वृद्धि के वास्तविक कारणों का पता लगाने हेतु जांच शुरू करनी चाहिए तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी मूल्य पर एमएसएमई के पास कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए कच्चे माल के आयात की अनुमति दी जानी चाहिए। यह भी सुझाया गया कि सरकार को तुरंत कच्चे माल पर गैर टैरिफ अवरोध लगाने की प्रक्रिया को रोकना चाहिए जैसे कि एंटी डंपिंग ड्यूटी और अनिवार्य बीआईएस मानक विशेष रूप से जहां भारत आयात पर निर्भर है, क्योंकि देश में कई ग्रेड का उत्पादन नहीं किया जाता है और कई पाॅलिमर की खपत अपने घरेलू उत्पादन की तुलना में बहुत अधिक है। माननीय मंत्री से यह अनुरोध किया गया कि बाजार को शीघ्र संभाला जाय अन्यथा मंदी के दौर में उद्योगपतियों के लिए उद्योगों का संचालन कर पाना मुश्किल हो जायेगा।

चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबडा ने कहा कि कोविड के उपरांत उद्यमियों के बीच बेहतर कारोबार की उम्मीद जगी थी लेकिन कच्चे माल की कीमतों में बढोत्तरी ने दूसरी ही चुनौती खडी कर दी है। देश में आयातित कच्चा माल नहीं आने व भाव बढने से औद्योगिक इकाइयों की उत्पादन क्षमता पर असर पड रहा है जिससे आर्थिक बोझ तले दबी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों के समक्ष मुश्किलें खडी हो गई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कच्चा माल आयात नहीं होने एवं घरेलू बाजार में भी कच्चा माल का भाव तेजी से बढने का प्रभाव राजस्व व रोजगार पर पडने की संभावना है। उद्यमियों के सामने इस बात की भी चुनौती है कि यदि वह अपने उत्पाद की कीमत बढाते हैं तो उसकी मांग घट जाती है, यदि नहीं बढाते हैं तो लागत निकालना मुश्किल हो जाता है। मैनुफैक्चरिंग यूनिट के उद्योगपतियों को अपनी ही जेब से अतिरिक्त पैसा लगाकर कच्चा माल खरीदना पड रहा है जिससे बहुत नुकसान हो रहा है। उन्होंने माननीय मंत्री से आग्रह किया कि देश में कच्चे माल की आपूर्ति को आसान बनाने और मूल्य वृद्धि की जांच करने के लिए भारत से कच्चे माल के निर्यात पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाय।

एयर कारगो की सुविधाओं पर बैठक का आयोजन
बिरसा मुण्डा एयरपोर्ट से एयर कार्गो की सुविधाओं पर व्यवसायियों विशेषकर कृषकों को जागरूक करने हेतु आज चैंबर भवन में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया कार्गो लाॅजिस्टिक्स एंड एलाइड सर्विसेज कंपनी लिमिटेड के प्रबंधक राजकुमार प्रसाद ने चैंबर पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में झारखण्ड की सब्जियों, बागवानी उत्पादों, रेडीमेड गारमेंट, डेयरी प्रोडक्ट, लाह, मोटर पार्ट्स सेक्टर की वस्तुएं देश-विदेश में कारगो द्वारा भेंजी जाती है किंतु जागरूकता के अभाव में व्यापारी इस सुविधा का अधिकाधिक लाभ नहीं ले पा रहे हैं। उन्होंने आग्रह किया कि झारखण्ड में इन सभी सेक्टर्स का व्यापार बढाने, विशेषकर किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके, इस हेतु ऐसे व्यवसायियों के साथ उन्होंने जागरूकता कार्यशाला के आयोजन का आग्रह किया, जिसपर चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबडा ने शीघ्र ही इस बैठक को आयोजित कराने का आश्वासन दिया।

आज की बैठक में चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबडा, उपाध्यक्ष किशोर मंत्री, महासचिव राहुल मारू, सह सचिव दीनदयाल बरनवाल, राम बांगड, कार्यकारिणी सदस्य शैलेष अग्रवाल, अमित शर्मा, संजय अखौरी, पटेल कारगो के विवेक भसीम के अलावा अन्य सदस्य उपस्थित थे।

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