राजधानी रांची में पूर्व मंत्री बंधु तुर्की ने संयुक्त तुरी समाज कार्यक्रम का किया आयोजन।
राजधानी रांची में पूर्व मंत्री बंधु तुर्की ने संयुक्त तुरी समाज कार्यक्रम का किया आयोजन।
जागरूकता और दूरदृष्टि के साथ अपने विकास का संकल्प ले तुरी समाज : बंधु तिर्की
शैक्षणिक, राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से जागरूक बनने के आह्वान के साथ झारखण्ड प्रदेश संयुक्त तुरी संवाद आयोजित
रांची 10 जनवरी. पूर्व मंत्री, झारखण्ड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य एवं झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि अति प्राचीन काल से पूरे समाज में अपनी महत्वपूर्ण सहभागिता के साथ अपना अस्तित्व कायम रखने वाले तुरी समुदाय को अपनी पूरी जागरूकता और दूरदृष्टि के साथ अपने विकास का संकल्प लेने की जरूरत है. श्री तिर्की ने कहा कि कांग्रेस की सहभागिता वाली इंडिया गठबंधन की सरकार इस बात का पूरा प्रयास कर रही है कि झारखण्ड में सभी जातियों, जनजातियों और हर समुदाय का सरकार के सहयोग से समन्वित, सार्थक और तेजी से विकास हो और सभी को उसकी योग्यता के अनुसार आगे बढ़ने का अवसर मिले।
आज राजधानी रांची के दीनदयाल नगर में तुरी समाज के उत्थान, विकास और भागीदारी विषय पर आयोजित संयुक्त तुरी संवाद का आयोजन किया गया जिसमें झारखण्ड के विविध जिलों के तुरी समुदाय के लोग शामिल हुए, इस संवाद में मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में श्री तिर्की ने कहा कि यदि किसी भी समाज को आगे बढ़ाना है तो उसके नेतृत्वकर्ताओं एवं अगुवाओं को समयबद्ध सुनिश्चित योजना के अनुरूप कार्रवाई करनी होगी और हर हाल में समाज की एकजुटता को कायम रखना पड़ेगा. श्री तिर्की ने कहा किसतर्कता और संवेदनशीलता के साथ भावनात्मक रवैया अपनाने की जरूरत है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि अपने संवैधानिक अधिकारों को जानने-समझने के साथ ही दूसरे लोगों को भी उससे परिचित कराने की जरूरत है अन्यथा समाज के वंचित तबके की स्थिति और भी दयनीय हो जायेगी. उन्होंने कहा कि वह न केवल तुरी समाज बल्कि झारखण्ड में हर एक जाति और संप्रदाय के सम्मान और विकास के प्रति बहुत ज्यादा संवेदनशील हैं. इसके साथ ही जिन जातियों और जनजातियों की आबादी कम है उन्हें भी समान विकास और अवसर प्राप्त करने का उतना ही अधिकार है जितना किसी और को. श्री तिर्की ने तुरी समाज की वर्तमान स्थिति पर चिंता जतायी और कहा कि अदूरदर्शिता पूर्ण रवैये के कारण तुरी समाज के हाथ से परंपरागत बांस का पेशा व व्यापार दूर होता जा रहा है और इस मामले में गंभीरता से काम करने की जरूरत है. उन्होंने उदाहरण दिया कि बंगलुरु के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में जिस प्रकार से बांस की कालीकृतियों से योजनाबद्ध इंटीरियर किया गया है वह अपने-आप में इस बात का प्रमाण है कि बांस की परंपरागत, कलात्मक एवं उपयोगी वस्तुओं के निर्माण की बहुत अधिक संभावनायें हैं और अवसर भरे पड़े हैं. श्री तिर्की ने इस बात पर जोर किया कि बांस के उपयोग के संदर्भ में तीव्र गति से अनुसंधान किया जाना चाहिये और इस मामले में वे राज्य सरकार के समक्ष सारी बातों को रखेंगे।
इस संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मोतीलाल मिर्धा ने कहा कि परंपरागत रूप से तुरी समाज अनुसूचित जनजाति है लेकिन जिस प्रकार से इसे अनुसूचित जाति की श्रेणी में डाला गया है और वन पट्टा के मामले में बहुत सारी प्रतिकूल बातें खुलकर सामने आ रही है उसके कारण तुरी समाज का हित गहराई से प्रभावित हो रहा है जिसका नकारात्मक प्रभाव समाज के विकास पर पड़ा है. उन्होंने कहा कि तुरी समाज के लोग बड़ी संख्या में आर्थिक अभाव और संकट से गुजर रहे हैं।
आज की बैठक में तुरी के संगठनात्मक समाज, तुरी समाज के हित के लिये काम करने और इस सन्दर्भ में एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के लिये सात सदस्यीय तदर्थ समिति के गठन का निर्णय लिया गया. आज की बैठक में झारखण्ड राज्य विपणन बोर्ड के अध्यक्ष रविन्द्र सिंह, रांची की पूर्व मेयर रमा खलखो, कांग्रेस नेता किशोरनाथ सहदेव, शांतनु मिश्रा, डॉ. एम तौसीफ, राजेश गुप्ता छोटु, शिवा कच्छप, अजीत कुमार सिंह, मचकूर सिद्दीक़ी, इंदिरा देवी तुरी, मोतीलाल तुरी, अर्चना मिर्धा, राजेन्द्र तुरी, मनोज तुरी, कृष्णा मांझी, पुनीत तुरी, सकलदेव तुरी, सुरेश तुरी, श्रीकांत तुरी, उमेश तुरी, राजकुमार तुरी, तपेश्वर मिर्धा, हरि तुरी, महेश तुरी, प्रयाग तुरी, पिन्टू तुरी, तपेन्द्र प्रसाद, प्रदीप मिर्धा सहित बड़ी संख्या में झारखण्ड के विविध जिलों से आये तुरी समाज के लोगों ने भाग लिया।