झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन (JSCA) चुनाव 2025: अजय नाथ शाहदेव गुट की प्राथमिकता पारदर्शिता, खिलाड़ियों के लिए बेहतर प्रशिक्षण सुविधाएं, ,जमीनी स्तर पर क्रिकेट का विकास
झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन (JSCA) चुनाव 2025: अजय नाथ शाहदेव और एसके बेहरा के बीच कड़ा मुकाबला
रांची : नवीन कुमार
रांची, 15 मई : झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन (JSCA) का बहुप्रतीक्षित प्रबंधन समिति का चुनाव 18 मई 2025 को रांची में होने जा रहा है। यह चुनाव अब हाई-प्रोफाइल बन चुका है, जिसमें दो प्रमुख गुटों के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिल रही है। एक गुट का नेतृत्व JSCA के पूर्व उपाध्यक्ष और अनुभवी प्रशासक अजय नाथ शाहदेव कर रहे हैं, जबकि दूसरा गुट देश के जाने-माने उद्योगपति एसके बेहरा की अगुवाई में मैदान में है। यह चुनाव न केवल JSCA की भविष्य की दिशा तय करेगा, बल्कि झारखंड में क्रिकेट के विकास और प्रशासन पर भी गहरा प्रभाव डालेगा।
चुनाव क्यों
JSCA का यह चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक है। रांची में अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण के बाद यह पहला चुनाव है, जिसमें JSCA के पूर्व अध्यक्ष और झारखंड क्रिकेट के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले अमिताभ चौधरी की अनुपस्थिति खल रही है। अजय नाथ शाहदेव ने गुरुवार को रांची प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “अमिताभ चौधरी ने झारखंड में क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का सपना देखा था, जिसे उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से साकार किया। उनकी कमी हमें बेहद महसूस हो रही है। हम उनके अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए कृतसंकल्पित हैं।”
JSCA का यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह संगठन झारखंड में क्रिकेट के विकास, खिलाड़ियों की प्रगति, और स्टेडियम के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है।
अजय नाथ शाहदेव गुट: अनुभव और विरासत का दावा
अजय नाथ शाहदेव, जो लंबे समय तक JSCA के उपाध्यक्ष रहे हैं, अपने गुट को अनुभव और अमिताभ चौधरी की विरासत को आगे बढ़ाने वाला बता रहे हैं। उनके गुट में कई पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर शामिल हैं, जो उनकी टीम को और मजबूती प्रदान करते हैं। शाहदेव ने अपने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “JSCA की गरिमा को बनाए रखना और झारखंड में क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक ले जाना हमारा लक्ष्य है। हम सभी सदस्यों का समर्थन और आशीर्वाद चाहते हैं।”
शाहदेव ने यह भी स्पष्ट किया कि वह भावनात्मक कार्ड खेलने के बजाय क्रिकेट की बेहतरी के लिए ठोस काम करना चाहते हैं। अमिताभ चौधरी के परिवार के समर्थन के सवाल पर उन्होंने कहा, “हमारी टीम अनुभव और क्रिकेट के विकास के लिए मैदान में है। फिलहाल किसी इमोशनल कार्ड की जरूरत नहीं है।”
अजय नाथ शाहदेव गुट के प्रमुख उम्मीदवार:
अध्यक्ष: अजय नाथ शाहदेव
सचिव: सौरभ तिवारी (पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर)
सह-सचिव: शाहबाज नदीम (पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर)
कोषाध्यक्ष: अमिताभ घोष
शाहदेव की टीम में सौरभ तिवारी और शाहबाज नदीम जैसे खिलाड़ियों की मौजूदगी से उनके गुट को क्रिकेटरों और प्रशंसकों के बीच मजबूत समर्थन मिलने की उम्मीद है। सौरभ तिवारी, जो सचिव पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं, ने कहा, “हमारा लक्ष्य खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं और अवसर प्रदान करना है, ताकि झारखंड से और अधिक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निकल सकें।”
एसके बेहरा गुट:
दूसरी ओर, उद्योगपति एसके बेहरा अपने गुट को आधुनिक प्रबंधन के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं। उनके गुट में आईजी अखिलेश झा और राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन शामिल हैं।
एसके बेहरा गुट के प्रमुख उम्मीदवार:
अध्यक्ष: एसके बेहरा
सचिव: एसबी सिंह (खूंटी)
चुनाव में विवाद और आरोप
JSCA चुनाव को लेकर राजनीतिक हस्तक्षेप के भी आरोप लग रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के झारखंड इकाई ने आरोप लगाया है कि राज्य की हेमंत सोरेन सरकार इस चुनाव में सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रही है। BJP नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर कहा कि “JSCA चुनाव में सरकारी अफसरों की पक्षपातपूर्ण भूमिका और प्रशासनिक हस्तक्षेप चरम पर है। यह खेल को राजनीति की बलि चढ़ाने का प्रयास है।”
जाहिर है JSCA चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, और 18 मई को मतदान होगा। जानकारों का मानना है कि यह चुनाव बेहद करीबी और रोमांचक होगा,
‘द टीम’ की रूपरेखा: अजय नाथ शाहदेव की अगुवाई वाली ‘द टीम’ ने अपनी प्राथमिकताओं में पारदर्शिता, खिलाड़ियों के लिए बेहतर प्रशिक्षण सुविधाएं, और जमीनी स्तर पर क्रिकेट के विकास को शामिल किया है।
अमिताभ चौधरी की विरासत
इस चुनाव में अमिताभ चौधरी का नाम बार-बार उभरकर सामने आ रहा है। शाहदेव ने कहा, “अमिताभ चौधरी की बदौलत JSCA का गठन हुआ और रांची में यह विश्वस्तरीय स्टेडियम बना। उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।” दोनों गुट चौधरी की विरासत को आगे बढ़ाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन मतदाता यह तय करेंगे कि कौन इस दिशा में अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकता है।