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झारखंड राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने “विकसित भारत @2047: समावेशी विकास और वैश्विक नेतृत्व के लिए बहु-विषयक और बहु-संस्थागत रास्ते तैयार करना विषय पर आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस 2025 का किया उद्घाटन।

झारखंड राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने “विकसित भारत @2047: समावेशी विकास और वैश्विक नेतृत्व के लिए बहु-विषयक और बहु-संस्थागत रास्ते तैयार करना विषय पर आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस 2025 का किया उद्घाटन।

Jharkhand Governor Santosh Kumar Gangwar inaugurated the International Conference 2025 organized on the theme “Developed India @ 2047: Building Multi-disciplinary and Multi-Institutional Pathways for Inclusive Growth and Global Leadership”.
Jharkhand Governor Santosh Kumar Gangwar inaugurated the International Conference 2025 organized on the theme “Developed India @ 2047: Building Multi-disciplinary and Multi-Institutional Pathways for Inclusive Growth and Global Leadership”.

राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने आज गोस्सनर कॉलेज, रांची में “Developed India @ 2047: Charting Multidisciplinary and Multi-Institutional Pathways for Inclusive Growth and Global Leadership” विषय पर आयोजित “International Conference 2025” का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि विकसित भारत केवल आर्थिक प्रगति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक समृद्धि, सामाजिक समरसता और वैज्ञानिक नवाचार का समन्वित प्रतिबिंब है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की सबसे बड़ी शक्ति उसकी युवा जनसंख्या है और हमें उन्हें नवाचार, स्टार्टअप, शोध और उद्यमशीलता की ओर प्रेरित करना होगा. राज्यपाल ने ‘विकसित भारत @2047’, ‘आत्मनिर्भर भारत’, ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसे अभियानों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये पहलें भारत को न केवल आत्मनिर्भर बना रही हैं, बल्कि उसे वैश्विक नेतृत्व की दिशा में भी अग्रसर कर रही हैं।

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उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बन चुका है, जहाँ के नवाचार वैश्विक परिवर्तन का माध्यम बन रहे हैं। उन्होंने शिक्षण संस्थानों से आह्वान किया कि वे विद्यार्थियों को केवल नौकरी खोजने वाला (Job Seeker) नहीं, बल्कि रोजगार सृजन करने वाला (Job Creator) बनाने हेतु शिक्षा प्रदान करें। राज्यपाल ने कहा कि शोध कार्यों में मौलिकता आवश्यक है। केवल पुस्तकीय ज्ञान नहीं, बल्कि समाजोपयोगी समाधान और नवाचारों पर आधारित शोध ही विकसित भारत की राह को प्रशस्त करेगा। उन्होंने स्थानीय उत्पादों, हस्तशिल्प, खादी और कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि भारत वैश्विक उत्पादन केंद्र (Global Manufacturing Hub) बन सकता है, यदि वह पारंपरिक ज्ञान और आधुनिकता का समन्वय स्थापित कर सके। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह सम्मेलन केवल अकादमिक विमर्श तक सीमित न रहकर ठोस नीतिगत सुझावों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएगा।

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