20 बिंदुओं के जरिये जेपीएससी ने लग रहे आरोपों का जवाब दिया।
झारखण्ड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने सातवीं से दसवीं तक की सिविल सेवा परीक्छाओ में हुई गड़बड़ी के आरोपों पर अपना पक्ष रखते हुए बिस बिंदुओं के जरिये जेपीएससी ने लग रहे आरोपों का जवाब दिया है. साथ ही साथ JPSC ने सातवीं से दसवीं सिविल सेवा में प्रारंभिक परीक्षा में जारी रिजल्ट को लेकर अपना कट ऑफ भी जारी कर दिया है.जेपीएससी ने अपने 20 बिंदु वाले जबाब में कुछ ऐसा कहा की , बिना कट ऑफ की जानकारी हुए यह तर्क आधारविहीन है. जेपीएससी ने ये भी कहा कि रौल नंबर 52077036 को 266 नंबर मिलने के बाद भी उसका चयन नहीं का जो मामला उठाया गया है, इसका कोई साबुत नहीं है । उस अभ्यर्थी का अपनी कोटि अनारक्षित के कट ऑफ 260 से कम 240 नंबर ही प्राप्त है. लातेहार, साहेबगंज और लोहरदगा वाले सवाल पर जेपीएससी ने कहा है कि परीक्षा 3.7 लाख अभ्यर्थियों के लिए आयोजित की गयी थी और पहले हुई परीक्षाओं के हिसाब से इस परीक्षा में छात्रों की संख्या कई गुना अधिक थी. परीक्षा की वृहद प्रकृति के कारण यह परिस्थिति उत्पान हुई है. जिसके लिए अभियर्थियों को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता. आयोग ने ऐसे अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए ही फैसला लिया है कि छात्रों को औपबंधिक रूप से क्वालीफाइड घोषित किया जाये.
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हालांकि मामले की जांच इसके बावजूद भी जारी रहेगी.कोटिवार श्रेणी का कट ऑफ मार्क्स जारी नहीं करने पर उठे सवालों पर JPSC ने कहा है कि JPSC इस संबंध में किसी तथ्य को छिपाने की मंशा नहीं रखती है. परीक्षा का कट ऑफ मार्क्स अंतिम परीक्षाफल के समय पर ही जारी किया जाता है. फिर भी छात्रों को दिग्भ्रमित किये जाने के प्रयासों पर JPSC ने कट ऑफ मार्क्स जारी करने का फैसला लिया है.कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग द्वारा जारी किये गए परीक्षा नियमावली के खंड 17.2 में सभी श्रेणियों का एक सिंगल कट ऑफ मार्क्स की बात को खारिज करते हुए JPSC ने कहा है कि यह दावा नियमों को गलत रूप से पढ़ने के बाद किया गया है.दिव्यांग श्रेणी की सीटों का कोटिवार फल नहीं जारी करने के सवाल पर जेपीएससी ने कहा है कि ये दावा छात्रों को दिग्भ्रमित करने का प्रयास है. दिव्यांग श्रेणी में 7 रिक्तियों के विरूद्ध 107 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है जो कि 15 गुणा पहले ही ज्यादा है.कट ऑफ मार्क्स जारी करने की मांग पर जेपीएससी ने कंडिका-3 का अवलोकन करने को कहा है.सभी फेल और पास अभ्यर्थियों का मार्कशीट जारी करने के सवाल पर आयोग ने ऐसा कहना है कि यह अनावश्यक है. प्रत्येक अभ्यर्थी को OMR आन्सर शीट की कार्बन कॉपी दी जा चुकी है.
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