मंत्री हफीजुल हसन के बयान पर सियासी घमासान, भाजपा ने किया आक्रोश प्रदर्शन का ऐलान
झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन के “शरीयत को संविधान से ऊपर” मानने वाले बयान ने राज्य की सियासत में हंगामा मचा दिया है। इस बयान के विरोध में बीजेपी आज रांची में आक्रोश मार्च निकाल रही है। यह मार्च रांची के जिला स्कूल मैदान (शहीद चौक) से शुरू होकर राजभवन तक जाएगा, जिसके बाद राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
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झारखंड सरकार में मंत्री हफीजुल हसन ने एक साक्षात्कार में कहा था कि “शरीयत मेरे लिए बड़ा है। हम मुसलमान कुरान सीने में और संविधान हाथ में लेकर चलते हैं। पहले शरीयत को पकड़ेंगे, फिर संविधान को।” बाद में उन्होंने सफाई दी कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया और शरीयत और संविधान दोनों उनके लिए बराबर हैं।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इसे “राष्ट्रविरोधी” और “संविधान का अपमान” करार देते हुए हफीजुल को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह बयान बाबा साहब अंबेडकर की जयंती पर संविधान की भावना के खिलाफ है। केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने इसे “लोकतंत्र का दुर्भाग्य” बताया। वहीं बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और अन्य नेताओं ने इसे झारखंड की संस्कृति और आदिवासी अस्मिता के लिए खतरा बताया है।