national girls day

National Girl Child Day :- मुश्किलों के बीच अपनी सफलता की कहानी खुद लिख रही है, झारखंड की बेटियां

National Girl Child Day

Prerna  Chourasia

Drishti Now  Ranchi

आज राष्ट्रीय बालिका दिवस है इस दिवस का उद्देश्य बेटियों के लिए  मुफ्त शिक्षा, कॉलेज तथा विश्वविद्यालय में आरक्षण उनकी सहायता करना और रोजगार के क्षेत्र में नया अवसर देना है| बेटियों   के बेहतर स्वास्थ्य और सुरक्षित वातावरण की बड़ी चुनौती है इस दिन लैंगिक असमानता को लेकर जागरूकता पैदा करना है एक सर्वे के अनुसार देश में  42 फ़ीसदी लड़कियों को दिन में 1 घंटे से कम समय मोबाइल फोन इस्तेमाल की इजाजत दी जाती है इन मुश्किलों के बावजूद भी हमारी बेटियां हर दिन सफलता की नई कहानी लिख रही है|

संघर्ष के दम पर पावर लिफ्टिंग में रागिनी ने बनाई पहचान

वर्धमान कंपाउंड की रागनी कक्षा का राष्ट्रीय स्तरीय की पावर लिफ्टर के रूप में चुनाव हुआ है सुविधाओं का अभाव था पर भार उठाने का प्रशिक्षण घर से शुरू हुआ डेकची से पानी भरकर अपनी क्षमता बढ़ाई खानपान भी बहुत बेहतर नहीं था| ऐसे में पारंपरिक भोजन माड़ भात  से ताकत  बढ़ाई  अब तक रागिनी तीन गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी है, वह कहती है मां ने प्रशिक्षण के लिए महिला समिति से लोन लिया और अमृतसर खेलने भेजा नेशनल पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में तीन गोल्ड मेडल जीत चुकी हूं साथ ही  स्ट्रॉन्गेस्ट वीमेन का  खिताब भी हासिल किया| कोच  संदीप तिवारी से काफी कुछ सीखने को मिला |अब बेहतर खेल कर घर का सहारा बनना है भाइयों को उसके लक्ष्य तक पहुंचना है|

अब बेटियों की पहचान एक व्यक्ति के रूप में हो

लिंग में एक की शुरुआत परिवार से होती है जो सामाजिक भी तक पहुंचता है जरूरत है कि परिवार और समाज बेटियों से जुड़ी परंपरागत मनोवृति पर गहन मंथन करें |परंपरागत सोच विचार से आगे निकलकर परिवार को अब बालिकाओं को बेस्ट बनाना होगा पुरुषों को बेटियों की  बाहरी कार्यों में सहभागिता को स्वीकार करना होगा |भारत के परिवार एवं समाज में बेटियों की पहचान पुत्री ,पत्नी और मां से ही होती आ रही है समय की मांग है कि अब बेटियों की पहचान एक व्यक्ति के रूप में हो|

 

राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर ट्वीट करके कहा है कि हमारी बेटियां है “अनमोल पर किसी से कम नहीं राष्ट्रीय बालिका दिवस की सभी को अनेकानेक शुभकामनाएं और जोहार” देशभर में प्रतिवर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है 24 जनवरी के इंदिरा गांधी को नारी शक्ति के रूप में याद किया जाता है| इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठी थी इसीलिए इस दिन को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है|

राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर लड़कियों पर लिखे गए एक छोटी सी कविता

“मैं लड़की हूं कभी किसी की बहन बन कर उसकी कलाइयों पर राखी बांधती हूं तो

कभी किसी की बेटी बनकर उनके बुढ़ापे का सहारा बनती हूँ

कभी-कभी मैं एक माँ भी  बन जाती हूं और

जन्म देती हूँ  उन सभी को जो आज मेरे लड़की  होने का अफसोस कर रहे है हां मैं लड़की हूं”!!!

अगर आप नारी शक्ति को बढ़ावा और बालिका दिवस की बालिका दिवस की बधाई देने के लिए उत्सुक है तो अपने आसपास के बेटियों को पढ़ने के लिए बढ़ावा दें क्योंकि अगर वह शिक्षित रहेगी तो हर क्षेत्र में अपना कौशल प्रदर्शन कर सकेंगे|

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