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राँची में भ्रष्टाचार पर प्रहार! दृष्टि नाव की खबर से हड़कंप, डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने दोहरी जमाबंदी मामले में SDM को सौंपी जाँच, 7 दिन में माँगी रिपोर्ट

राँची में भ्रष्टाचार पर प्रहार! दृष्टि नाव की खबर से हड़कंप, डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने दोहरी जमाबंदी मामले में SDM को सौंपी जाँच, 7 दिन में माँगी रिपोर्ट

राँची, 17 मई : झारखंड की राजधानी राँची में प्रशासनिक भ्रष्टाचार के खिलाफ दृष्टि नाव की खबर ने बड़ा असर दिखाया है। काँके अंचल में अवैध दोहरी जमाबंदी के सनसनीखेज मामले को उजागर करने वाली दृष्टि नाव की खबर के बाद राँची के उपायुक्त (डीसी) मंजूनाथ भजंत्री ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पूरे प्रकरण की जाँच राँची के अनुमंडल दंडाधिकारी (SDM) को सौंप दी है। डीसी ने सख्त निर्देश दिए हैं कि इस मामले की जाँच को प्राथमिकता देते हुए एक सप्ताह के भीतर स्पष्ट और विस्तृत रिपोर्ट उनके टेबल पर होनी चाहिए।

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दृष्टि नाउ में छपी खबर 

क्या था पूरा मामला?
बाबूलाल मरांडी और दृष्टि नाव ने 16 मई  को एक खुलासा किया था, जिसमें पिठोरिया के दर्जी मुहल्ला निवासी मुस्तफा खलीफा ने काँके अंचलाधिकारी (C.O.) जय कुमार राम पर गंभीर आरोप लगाए थे। मुस्तफा के अनुसार, उनकी पुश्तैनी जमीन (मौजा-पिठोरिया, थाना नं.-09, खाता नं.-355, प्लॉट नं.-786, 425, 256, कुल रकबा-4.49 एकड़), जो खतियान और रजिस्टर पंजी-II में हनीफ खलीफा के नाम दर्ज है, को C.O. ने निजी स्वार्थ और लेन-देन के आधार पर 03/04/2025 को सलीमा खातून के नाम दोहरी जमाबंदी कर दी। यह कार्रवाई पूरी तरह अवैध थी, क्योंकि हल्का कर्मचारी ने इस जमाबंदी की अनुशंसा से इनकार किया और अपनी आपत्ति रजिस्टर में दर्ज की थी।
मामला तब और गंभीर हो गया, जब C.O. के आदेश पर जारी लगान रसीद के आधार पर गाँधीनगर, काँके निवासी अनिल राम और मो. शहीद जैसे जमीन दलालों ने विवादित जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की। जब मुस्तफा और उनके परिवार ने इसका विरोध किया, तो उन पर लाठी-डंडों से हमला किया गया, जिसमें परिवार के सदस्य घायल हो गए और उनका इलाज अभी भी चल रहा है। इस जमीन से जुड़ा वाद (सं.-50/2024) अनुमंडल न्यायालय में लंबित है, और अदालत ने यथास्थिति (Status Quo) बनाए रखने का आदेश दिया है। इसके बावजूद C.O. की कार्रवाई ने प्रशासनिक भ्रष्टाचार और अदालत के आदेश की अवमानना के सवाल खड़े किए थे।

दृष्टि नाव की खबर का असर
बाबूलाल मरांडी और दृष्टि नाव की इस खबर ने सोशल मीडिया से लेकर स्थानीय समुदाय तक हलचल मचा दी। लोगों ने इसे प्रशासनिक भ्रष्टाचार का जीता-जागता सबूत बताते हुए त्वरित कार्रवाई की माँग की। खबर के वायरल होने के बाद राँची डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया और तत्काल जाँच का आदेश जारी किया। डीसी ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि इस मामले को प्राथमिकता दी जाए और राँची SDM एक सप्ताह के भीतर जाँच पूरी कर अपनी रिपोर्ट सौंपें। इसके बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

डीसी का सख्त रुख
डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने इस मामले में सख्त रवैया अपनाते हुए कहा, “प्रशासन में भ्रष्टाचार और गैरकानूनी गतिविधियों के लिए कोई जगह नहीं है। इस मामले की निष्पक्ष और त्वरित जाँच होगी, और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।” उनके इस रुख ने आम लोगों में उम्मीद जगाई है कि पीड़ित मुस्तफा खलीफा और उनके परिवार को न्याय मिलेगा।

जाहिर है अब सभी की निगाहें राँची SDM की जाँच पर टिकी हैं। क्या यह जाँच काँके C.O. जय कुमार राम के कथित कारनामों को उजागर करेगी? क्या पीड़ित परिवार को उनकी जमीन और न्याय मिलेगा? दृष्टि नाव की इस खबर ने न केवल प्रशासन को झकझोरा है, बल्कि यह भी दिखाया है कि सच्चाई की आवाज कितनी ताकतवर हो सकती है।

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