झारखंड में NGT के आदेश से आज से 4 महीने तक बालू खनन पर रोक
झारखंड में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश के तहत आज से राज्य भर में बालू खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लागू हो गया है। यह रोक अगले चार महीने यानी 15 अक्टूबर 2025 तक प्रभावी रहेगी। NGT के इस फैसले का उद्देश्य मानसून के दौरान पर्यावरण संतुलन को बनाए रखना और नदियों की पारिस्थितिकी को संरक्षित करना है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!राज्य सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों, खनन विभाग और संबंधित अधिकारियों को NGT के निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया है। इस दौरान किसी भी नदी या घाट से बालू का उठाव पूरी तरह वर्जित रहेगा। देवघर के उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा ने स्पष्ट किया कि जिले के सभी नदी बालू घाटों से मानसून सत्र में बालू उठाव पर रोक रहेगी, और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि, इस रोक से पहले बालू माफिया और सिंडिकेट सक्रिय हो गए हैं। रांची सहित कई क्षेत्रों में बालू की जमाखोरी और कालाबाजारी की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे कीमतों में भारी उछाल देखा जा रहा है। पांच दिन पहले जहां एक हाईवा (500 CFT) बालू की कीमत ₹28,000 थी, वहीं अब यह ₹33,000 तक पहुंच गई है। टर्बो (100 CFT) बालू की कीमत भी ₹4,500 से बढ़कर ₹6,500 हो गई है।
राज्य सरकार ने बालू की दर ₹7.87 प्रति CFT तय की है, लेकिन वर्तमान में यह दोगुने से भी अधिक कीमत पर बिक रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रतिबंध निर्माण कार्यों, विशेष रूप से निजी और सरकारी परियोजनाओं को प्रभावित कर सकता है। आम जनता और रियल एस्टेट सेक्टर पर भी इसका असर पड़ने की संभावना है।
NGT के इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन, पुलिस और खनन विभाग को अलर्ट पर रखा गया है। लोगों से अपील की गई है कि वे अवैध खनन की किसी भी गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय प्रशासन को दें।





