No Guarantee In The Treatment Of 20 -25 Thousand

20 -25 हजार का इलाज में गैरेंटी नहीं है एक लाख का इलाज करवाओगे तो जान की गैरेंटी है No guarantee in the treatment of 20 -25 thousand, if you get the treatment of one lakh, then there is a guarantee of life.

no guarantee in the treatment of 20 -25 thousand, if you get the treatment of one lakh, then there is a guarantee of life.

20 हजार के टीवी लोगो तो इसकी गैरेंटी नहीं है बल्कि एक लाख का टीवी लोगो तो इसकी गैरेंटी है आप सोच रहे होंगे हम ये क्या बोल रहे है न्यूज़ के आवला भी कोई नया बिजनेस शुरू किया है क्या तो जनाब दिल थाम के बैठिये झारखण्ड के लोहरदग्गा जिले के एक अस्पताल में अब लोगो का इलाज कुछ इस कदर ही होता है 20 -25 हजार का इलाज में गैरेंटी नहीं है एक लाख का इलाज करवाओगे तो जान की गैरेंटी है औऱ फिर पैदल चलकर आयी महिला 20 हजार के इलाज में अपनी जान से हाँथ धो बैठती है।

Janta Aspatal

ये है झारखण्ड के लोहरदग्गा जिले का जनता अस्पताल यहाँ मेडिअकाल दलाल ओर ठग के बीच पीसकर गरीब जनता कैसे अपनी जान से हाँथ धो बैठता है इस निजी अस्पतालों की मनमानी जारी है,जिसे देखने वाला कोई नहीं है और न ही सुनने और समझने वाला, निजी अस्पतालों में मरीजों से मोटी कमाई करने के साथ साथ मरीजों की जान से भी खिलवाड़ किया जा रहा है
दरअसल विवाद जनता अस्पताल में फिर एक बार ऐसा मामला सामने आया है, सदर अस्पताल में सब जांच रिपोर्ट समान्य होने वाली महिला हॉस्पिटल के दलाल के चक्कर में पड़कर सात घंटे में अपने जान से हाथ धो बैठती हैं, और उपर से जनता हॉस्पिटल के द्वारा मोटी रकम का बिल थमा दिया जाता है, इस हत्यारें हॉस्पिटल पर कारवाई होने के बजाय स्वास्थ्य विभाग की टीम मौन रहना ज़्यादा बेहतर समझती आई है, ऐसा लगता है इन मौत के पीछे का कमीशन सदर अस्पताल के अधिकारियों तक भी पहुंचता है,

पीड़ित परिवार का कहना है की समान्य बुखार की शिकायत पर ये अपनी मां को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराने का कार्य किया था, जहां जनता हॉस्पिटल के दलाल ने इन्हें झांसे में लेकर अपने हॉस्पिटल में लाने का कार्य किया, जहां इलाज के सात घंटे में महिला ने दम तोड़ दिया, पैदल चलकर खाते पीते आने वाली महिला का इलाज सेंटर लाइन डालकर किया गया, फिर आधी रात को सीटी स्कैन कराने के नाम पर जबरन रांची भेजने का कार्य किया, रांची जाने के नाम पर महिला को कुडू मार्ग पहुंचने के बाद उसे अस्पताल कर्मी ने मृत घोषित कर दिया, परिवार के लोगों का कहना है कि जनता हॉस्पिटल में चिकित्सक के द्वारा कहा गया की इलाज 25 हजार वाला करवाना है या फिर एक लाख वाला, 25 हजार में गारंटी नहीं है एक लाख तक के इलाज में पूरी गारंटी है कि मरीज ठीक हो जाएगा,यह समझा जा सकता है कि जनता अस्पताल सेवा के लिए नहीं बल्कि लूटने और हत्या करने के लिए तैयार खड़ा है, परिजनों ने कई गंभीर आरोप जनता हॉस्पिटल पर लगाने का कार्य किया है

लोहरदग जिला में निजी अस्पतालों की बाढ़ सी आ गई है, इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के नाम पर सिर्फ और सिर्फ मरीजों के जान से खिलवाड़ हो रहा है, पूरे मामले पर सिविल सर्जन ने जानकारी होने की सूचना को स्वीकार किया, इन्होंने बताया की सदर अस्पताल में सहिया की भूमिका अहम है, तो फिर उनपर कारवाई करने में इतना विलंब क्यों यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है, वही सिविल सर्जन दलालों पर नजर रखने की बात कह रहे हैं लेकिन कारवाई कब होगी यह लगता है अभी इंतजार करना पड़ेगा

लोहरदगा सदर अस्पताल में दलाल किस प्रकार हावी है यह समझा जा सकता है,रात के अंधेरे में ही नहीं बल्कि दिन के उजाले में भी मरीजों ठग फुसलाकर और मौत का भय दिखाकर मेडिकल दलाल इन्हें मौत के मुंह में धकेल रहे हैं,दूर दराज से आने वाले भोले भाले तंगहाल मरीजों को ये दलाल अपना शिकार बनाते हैं,

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