पाकुड़ का दर्द: प्यास की तड़प में ताला टोला, कब सुनोगे प्रशासन? देखें वीडियो
पाकुड़ का दर्द: प्यास की तड़प में ताला टोला, कब सुनोगे प्रशासन?
पाकुड़ : नंदकिशोर मंडल
पाकुड़ (अमड़ापाड़ा): ताला टोला गांव की धरती पर हर सुबह ग्रामीणों के लिए एक सवाल लेकर आती है—आज पानी मिलेगा या नहीं? गर्मी की तपिश में प्यासे गले, सूखे कुएं, और टूटे सपनों की कहानी लिए ग्रामीणों का सब्र सोमवार को सड़क पर फूट पड़ा। अमड़ापाड़ा-पाकुड़ मुख्य मार्ग घंटों जाम रहा। मासूम बच्चों की प्यास, बूढ़ों की बेबसी, और जवानों का गुस्सा सड़क पर उतर आया। वाहनों की कतारें लंबी हुईं, मगर ग्रामीणों का दर्द उससे कहीं गहरा था।
पानी की मांग को लेकर सड़क जाम करती महिलाएं
वर्षों से पेयजल की सुविधा यहाँ एक दूर का सपना है। पुराने कुओं की गाद साफ कर, जान जोखिम में डालकर लोग पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं। हाल ही में एक कुएं की सफाई के दौरान मिट्टी धंसने से एक ग्रामीण उसमें दब गया। सात घंटे की मशक्कत के बाद उसे जिंदा निकाला गया, मगर यह हादसा ग्रामीणों के जख्मों पर नमक छिड़क गया। “क्या हमें पानी के लिए अपनी जान गंवानी पड़ेगी?”—यह सवाल हर चेहरे पर था।
सूचना पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वासनों का पुलिंदा थमाया—जल्द पेयजल सुविधा देंगे। मगर यह वादा नया नहीं है। ग्रामीणों की मांग साफ है: जब तक स्थायी समाधान नहीं, तब तक वैकल्पिक व्यवस्था दो। सड़क जाम तो हट गया, पर ग्रामीणों के दिल में बेचैनी अब भी बरकरार है।