दरिंदे आतंकियों का चेहरा आया सामने, सभी हथियार के साथ
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शामिल चार आतंकियों की पहली तस्वीर सामने आई है, जिसमें वे हथियारों के साथ नजर आ रहे हैं। इससे पहले, जांच एजेंसियों ने तीन संदिग्ध आतंकियों—आसिफ फौजी, सुलेमान शाह, और अबू तल्हा—के स्केच जारी किए थे, जो चश्मदीदों के बयानों के आधार पर तैयार किए गए। इनमें से दो आतंकियों को स्थानीय बताया जा रहा है, और दावा है कि हमलावर सेना की वर्दी में पहलगाम पहुंचे थे, जिससे शुरुआत में पर्यटकों को उन पर शक नहीं हुआ।
सुरक्षाबलों ने आतंकियों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन को और तेज कर दिया है। राष्ट्रीय राइफल्स, सीआरपीएफ, और जम्मू-कश्मीर पुलिस संयुक्त रूप से बैसरन घाटी के जंगलों में व्यापक तलाशी अभियान चला रही हैं। एनआईए की टीमें भी जांच के लिए श्रीनगर और पहलगाम पहुंच चुकी हैं, और फॉरेंसिक टीमें घटनास्थल पर सबूत जुटा रही हैं। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन द रजिस्टेंट फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है, और जांच में पता चला है कि हमले की साजिश पाकिस्तान के रावलकोट में रची गई थी, जिसका मास्टरमाइंड लश्कर का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद है।
यह हमला 22 अप्रैल को दोपहर करीब 2:30 बजे हुआ, जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हुई और 17 से अधिक लोग घायल हुए। आतंकियों ने पर्यटकों, खासकर हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया, और कुछ मामलों में धर्म पूछकर गोली मारी। इस घटना ने 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे घातक आतंकी हमले के रूप में देश को झकझोर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर 23 अप्रैल को स्वदेश लौटते ही दिल्ली हवाई अड्डे पर बैठक की, जिसमें एनएसए अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंचे, जहां उन्होंने उच्च स्तरीय बैठक की और मृतकों को श्रद्धांजलि दी। जम्मू-कश्मीर सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये और घायलों के लिए 2 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है।
सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया है, और हेलीकॉप्टर से भी निगरानी की जा रही है। पर्यटकों में डर के कारण होटल बुकिंग रद्द हो रही हैं, जिससे स्थानीय पर्यटन उद्योग को झटका लगा है।