नाबालिग से दुष्कर्म और देह व्यापार के मामले में स्वास्थ्य मंत्री के भाई गुड्डू गुप्ता और 21 अन्य लोगों को आरोपी घोषित करने के लिए हाईकोर्ट की याचिका की सुनवाई
Repoter: Mridul Pathak
रांची : नाबालिग से दुष्कर्म और देह व्यापार के मामले में स्वास्थ्य मंत्री के भाई गुड्डू गुप्ता और 21 अन्य लोगों को आरोपी घोषित करने के लिए हाईकोर्ट की याचिका की सुनवाई
झारखंड के जमशेदपुर शहर में स्थित मानगो सहारा सिटी में एक घटना के बाद हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के भाई गुड्डू गुप्ता और अन्य 21 लोगों को नाबालिग से दुष्कर्म और देह व्यापार के आरोपी घोषित किया है। इस मामले की सुनवाई को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
मामले के अनुसार, यह घटना साल 2018 के जनवरी में हुई थी, जब पीड़िता नामक एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किया गया था। पीड़िता की मां ने स्वास्थ्य मंत्री के भाई, तत्कालीन डीएसपी और थानेदार समेत 22 लोगों को इस मामले में आरोपी घोषित करने के लिए जमशेदपुर की स्पेशल कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका को हाईकोर्ट ने मंजूरी दी और सभी 22 लोगों को इस मामले में आरोपी घोषित करने और ट्रायल का आदेश दिया है।
मामले की सुनवाई को लेकर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति संजय प्रसाद की कोर्ट ने राज्य सरकार से प्रति शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है और मामले की अगली सुनवाई 6 जुलाई को निर्धारित की है। हाईकोर्ट ने जमशेदपुर की निचली अदालत में चल रही कार्यवाही (ट्रायल) पर रोक बरकरार रखी है।
यह मामला साल 2018 का है, जब पीड़िता की मां ने अपनी बेटी के न्याय के लिए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के भाई गुड्डू गुप्ता, तत्कालीन डीएसपी अजय केरकेट्टा और थाना प्रभारी इमदाद अंसारी समेत 22 लोगों को दुष्कर्म और देह व्यापार के आरोपी घोषित करने के लिए अर्जी दी थी। यह अर्जी कोर्ट ने मंजूर कर ली थी और सभी 22 लोगों को इस मामले में आरोपी घोषित करने और ट्रायल चलाने का आदेश दिया था।
पीड़िता की मां ने बेटी को न्याय दिलाने के लिए यह कदम उठाया था, क्योंकि उसके बाद की जांच में पुलिस द्वारा आरोपी अफसरों को क्लीन चिट दे दी गई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सीआईडी जांच की भी आदेश दिया था, लेकिन सीआईडी ने भी इनको क्लीन चिट दे दी थी। इसके बाद पीड़िता की मां ने 22 लोगों को आरोपी घोषित करने के लिए याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था।
इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है और अगली सुनवाई की तारीख 6 जुलाई तय की है। हाईकोर्ट ने जमशेदपुर की निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाई है।
यह मामला गंभीर है और न्यायिक प्रक्रिया के दौरान उच्चतम सत्यापन की आवश्यकता है। हाईकोर्ट की याचिका सुनवाई और राज्य सरकार से जवाब मांगे जाने के बाद ही मामले की अंतिम निर्णय दिया जाएगा। आशा की जाती है कि यह मामला न्यायपूर्ण और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ समाप्त होगा।