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गिरिडीह के मधुबन156बी बटालियन सीआरपीएफ कैंप में 40 वर्षीय जवान ने गोली खुद को गोली मारकर किया आत्महत्या.

गिरिडीह : गिरिडीह के मधुबन स्थित सीआरपीएफ 154वीं बटालियन में प्रतिनियुक्त  40 वर्षीय जवान रतन दास ने गुरुवार को खुद को अपने सर्विस एके-47 से गोली मारकर आत्महत्या कर लिया। मृतक जवान रतन दास असम के रहने वाले थे, और छह माह पहले ही मधुबन सीआरपीएफ कैंप में जवान की पोस्टिंग हुई थी। जवान के आत्महत्या किए जाने का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं हुआ है। लेकिन आत्महत्या का एक कारण घरेलू विवाद के रुप में सामने निकल कर आया है। वैसे इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

घटना के बाद 154वीं बटालियन के कोई पदाधिकारी कुछ भी कहने से इंकार कर रहे है। लेकिन कैंप के भीतर से मिली जानकारी के अनुसार मृतक रतन के पत्नी समेत परिजन रतन के नहीं आने को लेकर नाराज थे। संभवत, ड्यूटी से अवकाश नहीं मिलने के कारण वह घर नहीं जा पा रहा था। इधर घटना के बाद जब  मीडियाकर्मी खबर संकलन करने पहुंचे, तो मीडियाकर्मियों को भी भीतर जाने से रोक दिया गया।

घटना के बाद मधुबन सीआरपीएफ कैंप में अफरा-तफरी मच गई। घटना के वक्त 154वीं बटालियन के टूवाईसी अजय रणजीकिंकर समेत कई सीआरपीएफ अधिकारी और जवान वही मौजूद थे। तो जानकारी मिलने के बाद एसपी अमित रेणु और डुमरी एडीपीओ मनोज कुमार भी सीआरपीएफ कैंप पहुंचे थे। घटना गुरुवार की सुबह 11 बजे के करीब हुआ, लेकिन मृतक जवान के शव को पोस्टमार्टम के लिए शाम पांच बजे सदर अस्पताल लाया गया। जहां चिकित्सक डा. राजेश चन्द्रा मृतक जवान के पोस्टमार्टम में जुटे थे। 

जानकारी के अनुसार सुबह करीब 11 बजे वरीय अधिकारियों के निर्देश पर रतन दास कैंप परिसर में आम्र्स कोट की सुरक्षा के लिए ड्यूटी पर था। इसी दौरान आम्र्स कोट की तरफ गोली चलने की आवाज सुनकर सभी उस और दौड़ पड़े। जहां आम्र्स कोट के गेट के समीप ही जवान का शव पड़ा हुआ था। और गोली गले के उपर हिस्से से निकली हुई थी। घटना के बाद कैंप में अफरा-तफरी मची। तो जवान द्वारा सुसाईड किए जाने की जानकारी तीर्थस्थल मधुबन में भी फैल गया। इस दौरान कैंप के बाहर ग्रामीणों की भीड़ भी जुट गई। पोस्टमार्टम के बाद जवान के शव को धनबाद के रास्ते असम ले जाने की बात कही जा रही है। 

गिरिडीह, दिनेश

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