Ranchi News:-अपर बाजार में बेसमेंट में चल रही दुकानों पर हाईकोर्ट ने कहा-पूरा निगम सिर्फ नक्शा पास करने में व्यस्त
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प्रेरणा चौरसिआ
Drishti Now Ranchi
रांची के अपर बाजार में अतिक्रमण हटाने और जाम मुक्त करने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डॉ. संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से झारखंड चैंबर को पक्ष रखने को कहा है। वहीं अपर बाजार में घर व बेसमेंट में चल रहे व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का कोर्ट ने ब्योरा मांगा है।
अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी। इससे पूर्व अपर बाजार के मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अग्निशमन विभाग के डीजी से अपर बाजार में खतरे का आकलन करते हुए रिपोर्ट मांगी। कोर्ट ने कहा कि बेसमेंट में दुकान चलने से खतरे की स्थिति पैदा हो सकती है।
वहीं, अपर बाजार में अवैध तरीके से बनाई गई दुकानें और अतिक्रमण पर नगर निगम को फटकार लगाई। खंडपीठ ने कहा- पूरा सिस्टम सिर्फ बिल्डिंग का नक्शा पास करने में व्यस्त है। नक्शा पास करने में बड़े पैमाने पर लेन-देन चलता है। इसलिए निगम के अफसर अवैध निर्माण देखने नहीं निकलते।
नगर निगम को लताड़ा, कहा- बिना शिकायत जांच नहीं करते अधिकारी
कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि नगर निगम के अधिकारी बिल्डिंग का नक्शा पास करने का ही जिम्मा लेते हैं। अवैध रूप से बन रही बिल्डिंग परकार्रवाई नहीं करते। जब तक किसी के खिलाफ कोई व्यक्ति शिकायत नहीं करता है, तब तक निगम के पदाधिकारी जांच भी नहीं करते। इस वजह से अपर बाजार जैसे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बेसमेंट में दुकानें चल रही हैं।
नेशनल बिल्डिंग कोड और झारखंड बिल्डिंग बायलॉज का सख्ती से पालन हो रहा है या नहीं बताएं: हाईकोर्ट
धनबाद के हाजरा क्लिनिक व आशीर्वाद टावर में लगी आग से 19 लोगों की मौत पर कोर्ट के स्वत: संज्ञान की सुनवाई शुक्रवार को हुई। मामले में जिलावार बहुमंजिली भवनों के फायर सेफ्टी ऑडिट की रिपोर्ट राज्य सरकार की ओर से दायर नहीं हो सकी। इस पर सरकार ने समय की मांग की।
शुक्रवार को चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले में सरकार से पूछा है कि नेशनल बिल्डिंग कोड और झारखंड बिल्डिंग बायलॉज का सख्ती से पालन हो रहा है या नहीं। इस संबंध में सरकार को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी। पिछली सुनवाई में सरकार की ओर से कोर्ट को जानकारी दी गई थी कि राज्य के सभी जिलों में बहुमंजिली भवनों की फायर ऑडिट शुरू हो गई है। जिस पर कोर्ट ने भवनों की फायर ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था।