झारखंड हाईकोर्ट के वकील हिमांशु कुमार मेहता बुधवार को ईडी ऑफिस पहुंचे, जहां उनसे पूछताछ की गई।
(Jharkhand High Court)
Reporter : Mridul Pathak
झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand HC) के वकील हिमांशु कुमार मेहता (Himanshu Kumar Mehta) बुधवार को ईडी ऑफिस (ED office) पहुंचे, जहां उनसे पूछताछ की गई है। इस मामले में उन पर एक आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने गलत दस्तावेजों के सहारे सेना के कब्जेवाली जमीन के किराया लेने का हकदार बनवाने और जमीन की बिक्री से प्राप्त हुई रकम का एक बड़ा हिस्सा ले लिया है।
ईडी की जांच के दौरान पता चला है कि अधिवक्ता हिमांशु कुमार मेहता द्वारा झारखंड हाईकोर्ट में प्रस्तुत किए गए जयंत कर्नाड के दस्तावेज और दावे गलत थे। उन्होंने हाईकोर्ट के सामने विशिष्ट तथ्यों को छुपाया, क्योंकि सेना सही दावेदार का पता लगाने के लिए यह जांच रही थी। उन्होंने छिपाया कि याचिकाकर्ता जयंत कर्नाड के पास उत्तराधिकार: प्रमाणपत्र नहीं है, जो बचाव पक्ष द्वारा आवश्यक था। जयंत कर्नाड और हिमांशु कुमार मेहता ने मिलकर झारखंड हाईकोर्ट से उचित कागजात या साक्ष्य तैयार कर के अनुकूल आदेश प्राप्त किए, जो जयंत कर्नाड के उत्तराधिकार को साबित कर सकते थे।
ईडी ने इस जांच के दौरान बताया है कि इस मामले में हिमांशु कुमार मेहता की मां मालती कर्नाट और स्वयं बीएम मुकुंद राव के बीच खून का रिश्ता है। जांच में यह भी सामने आया है कि बीएम मुकुंद राव के पुत्र बीएम लक्ष्मण राव का नाम एमएस प्लॉट नंबर की रेयत के रूप में दर्ज है।
यह मामला विवादित हो रहा है और ईडी इस घोटाले की जांच कर रही है। वकील हिमांशु कुमार मेहता के खिलाफ उचित न्याय चल रहा है और उन्हें इस मामले में आरोपित किया गया है। यह मामला गंभीर है और इसकी जांच गहराई से की जा रही है।