विश्व एड्स दिवस पर सिमडेगा में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित, जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव;
शंभू कुमार सिंह
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सिमडेगा : झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार, सिमडेगा के तत्वावधान में विश्व एड्स दिवस के अवसर पर सोमवार को एएनएम प्रशिक्षण केंद्र में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में एचआईवी/एड्स की रोकथाम, बचाव के उपाय, सुरक्षित व्यवहार और संक्रमित व्यक्तियों के कानूनी अधिकारों पर विस्तृत चर्चा हुई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि जागरूकता ही एचआईवी से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है। एएनएम स्कूल की अध्यापिका ने छात्राओं व प्रतिभागियों को बताया कि एचआईवी कोई अभिशाप नहीं, बल्कि एक प्रबंधनीय चिकित्सकीय स्थिति है। आज उपलब्ध एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) के कारण संक्रमित व्यक्ति सामान्य एवं लंबा जीवन जी सकते हैं। उन्होंने समय पर जांच, सुरक्षित यौन संबंध, सुई-सिरिंज साझा न करने तथा रक्ताधान से पूर्व स्क्रीनिंग की अनिवार्यता पर बल दिया।
एएनएम प्रशिक्षणार्थी छात्राओं ने रंग-बिरंगे पोस्टर, स्लोगन और नारे के माध्यम से एड्स के प्रति जागरूकता का संदेश दिया। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रतिनिधियों ने एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों के कानूनी अधिकारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्पष्ट किया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को सम्मान, गोपनीयता और समानता का पूर्ण अधिकार है। नौकरी, शिक्षा, चिकित्सा या सामाजिक स्तर पर किसी भी प्रकार का भेदभाव या कलंक कानूनन दंडनीय अपराध है। उन्होंने कहा जिला विधिक सेवा प्राधिकार जरूरतमंदों को निःशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध कराता है।
पारा लीगल वॉलेंटियर्स ने प्रतिभागियों से नियमित जांच और सुरक्षित जीवनशैली अपनाने की अपील की। कार्यक्रम में दीपक कुमार, पुनिता कुमारी, सोनिया टोप्पो, कुशल गुड़िया, गोबर्धन ठाकुर, योगेंद्र पंडा सहित एएनएम छात्राएं एवं स्टाफ उपस्थित रहे।
इसी क्रम में जिले के विभिन्न विधिक सहायता क्लिनिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं उप-केंद्रों में भी विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता शिविर आयोजित किए गए। प्राधिकार सचिव मरियम हेमरोम ने बताया कि लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और भेदभाव को दूर करने के उद्देश्य से ये कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।









