Bihar News:-मनीष कश्यप के करीबियों पर भी पुलिस की नजर , मणि दिवेदी ,रवि भट्ट और रजनीश पे EOU का शिकंजा
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मनीष कश्यप, एक YouTuber, तमिलनाडु पुलिस के साथ है। बिहार स्थित आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) अपनी जांच और प्रवर्तन प्रयासों को आगे बढ़ाएगी। ईओयू उन लोगों की तलाश जारी रखेगी जो तमिलनाडु मामले में घटनास्थल से भाग गए हैं।
जांच एजेंसी इस मामले में मनीष कश्यप के तीन करीबी की तलाश कर रही है। इसमें उनके साथी और “सचतक” के प्रबंध निदेशक मणि द्विवेदी को उनके पहले नाम से पहचाना जाता है। जो कंपनी के खातों के प्रबंधन के लिए भी जिम्मेदार था। उन्होंने पूरी वित्तीय जिम्मेदारी वहन की।
तीसरे व्यक्ति हैं “अयोध्या टाइम्स” के रवि भट्ट और दूसरे नाम हैं रजनीश, जो बेहद क़रीबी दोस्तों में से एक हैं. मनीष कश्यप के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद से तीनों लापता हैं। उनकी तलाश में छापेमारी भी शुरू हो चुकी है। एक बार फिर, वे अपनी खोज में तेज़ी से आगे बढ़ेंगे।
कही मोबाइल को डंप तो नहीं कर दिया ?
मनीष कश्यप का बेशकीमती स्मार्टफोन कहां है, जिससे वे वीडियो रिकॉर्ड करते थे, यह अभी भी एक रहस्य है। संभावना जताई जा रही है कि उस मोबाइल की जांच करने पर और भी कई नए और पुख्ता सबूत मिल सकते हैं। मनीष कश्यप और उनका साथ देने वालों के सामने चुनौतियां उससे पहले और भी बदतर हो जाएंगी।
इसी डर से वह मोबाइल गायब कर दिया गया है। ईओयू के लिए मोबाइल ट्रैकिंग एक और महत्वपूर्ण चुनौती है, अटकलें चल रही हैं कि मनीष कश्यप की टीम ने उस मोबाइल को डंप कर दिया होगा।
नंबर बंद कर वाईफाई के जरिए होता था कनेक्ट
18 मार्च को खुद को सरेंडर करने से पहले मनीष कश्यप जब बिहार से फरार हुआ था, तब उसने अपने मोबाइल नंबर को बंद कर दिया था। जितने दिन भी वो नोएडा, दिल्ली और हरियाणा के सोनीपत में रहा, उस दरम्यान वो दोस्तों के वाईफाई से कनेक्ट हो रहा था।
तभी वो ऑनलाइन होकर सोशल मीडिया पर वीडियो के जरिए सामने भी आता था। सोनीपत में वो चार दिनों तक रुका था। वहां उसने अपने दोस्त और उसकी वाइफ के वाईफाई का इस्तेमाल किया था। अपने लोगों से बात करने के लिए वॉट्सऐप कॉल का इस्तेमाल करता था।
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