झारखंड के पूर्व DGP अनुराग गुप्ता और गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के सिंडिकेट में सांठगांठ के आरोप, बाबूलाल मरांडी ने NIA से की व्यापक जांच की मांग
रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के महानिदेशक को एक औपचारिक पत्र लिखकर राज्य में सक्रिय एक बड़े संगठित आपराधिक सिंडिकेट की गहन जांच की मांग की है। पत्र में पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता और कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के नेतृत्व वाले गिरोह के बीच कथित सांठगांठ का खुलासा किया गया है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय हथियार तस्करी, जबरन वसूली और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा शामिल है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि सुजीत सिन्हा का गिरोह ‘कोयलांचल शांति समिति (KSS)’ नामक मुखौटा संगठन के जरिए हत्या, वसूली और अवैध हथियार व्यापार में लिप्त है। गिरोह पंजाब के मोगा जिले में ड्रोन से गिराए गए हथियार खरीद रहा है, जो पाकिस्तान से आ रहे हैं। इसके अलावा, गैंगस्टर प्रिंस खान से संबंध राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों की ओर इशारा करते हैं।
पुलिस-गैंगस्टर नेक्सस के प्रमुख आरोप:
रिया सिन्हा की गिरफ्तारी से खुलासा : रांची पुलिस ने सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा को UAPA के तहत गिरफ्तार किया। उनके फोन से मिले डेटा में अनुराग गुप्ता से संदिग्ध संबंध सामने आए।
पूर्व DGP का कथित नियंत्रण : पूछताछ में खुलासा हुआ कि सिंडिकेट गुप्ता के इशारे पर चल रहा था। KSS की स्थापना वसूली के लिए की गई, जिसमें गुप्ता को प्रतिशत हिस्सा मिलता था।
भारतमाला प्रोजेक्ट पर कब्जा : मिलीभगत का मकसद झारखंड में भारतमाला क्षेत्रों पर आपराधिक नियंत्रण और कार्टेल बनाना।
अमन साहू एनकाउंटर संदेह : गैंगस्टर अमन साहू की मुठभेड़ को प्रतिस्पर्धा खत्म करने के लिए गुप्ता के निर्देश पर इंजीनियर किया गया। पुलिस अधिकारियों ने चैट रिकॉर्ड दबाने का प्रयास किया।
NIA से मांगी गई जांच के बिंदु:
1. रिया सिन्हा और गुप्ता के बीच चैट, कॉल लॉग का फोरेंसिक विश्लेषण; वित्तीय लाभ की जांच।
2. KSS के गठन में गुप्ता की भूमिका और संस्थागत समर्थन।
3. भारतमाला प्रोजेक्ट पर नियंत्रण की साजिश।
4. अमन साहू मुठभेड़ की निष्पक्ष जांच।
5. सबूत दबाने के प्रयासों की पड़ताल।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ये मामले राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हैं, इसलिए NIA को सभी संबंधित FIR, включая रांची की नवीनतम केस, की जांच सौंपनी चाहिए। NIA ने अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। झारखंड पुलिस और अनुराग गुप्ता से संपर्क करने पर कोई टिप्पणी नहीं मिली।





