SUPRIO BHATTACHARYA HEMANT SOEN

बिजनेस नहीं करे तो क्या भगवा और लंगोट पहन ले : JMM MLA सुदिव्य कुमार सोनू (Hemant Lease Case)

(Hemant Lease Case)

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JMM के महासचिव सुप्रियो भट्ट्चार्य और JMM के विधायक का साझा प्रेस कांफ्रेंस

बचाव में रखी दलीले , सुप्रीम  कोर्ट के केस का दिया हवाला 

झारखण्ड में हेमंत के खान लीज मामले में JMM के महासचिव सुप्रियो भट्ट्चार्य और JMM के विधायक ने साझा प्रेस कांफ्रेंस किया और सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा की हेमंत ने कोई अपराध नहीं किया है। उन्होंने कहा की बीजेपी के नेताओ ने एक कॉन्सप्रेसी  के तहत विगत दिनों झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा ली गयी लीज को सेक्शन 1951 के तहत 9A दंडनीय या दोषी अपराधी की तरह पेश किया है।  जबकि भारत की संसद ने जब यह कानून को पारित किया था तो इसमें छह बिन्दुओ को समाहित किया था। जिसमे यह मामला अपराध के श्रेणी में नहीं आता है।  उन्होंने कहा की 1964 से 2006  तक इस तरह के कई मामले सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा के लिए जाते है उस मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है की 9A का मामला किसी भी कॉन्ट्रेक्ट को टच नहीं करता है यह मामला सरकार से कोई कॉन्ट्रेक्ट लेने या सरकार को किसी गुड्स की सप्लाई का सड़के बनाने या मकान बनाने का या सिचाई की कोई योजना लेने को इस कॉन्ट्रक्ट की श्रेणी में माना गया है। 

उन्होंने कहा की 1964 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था खनन पत्ता कोई सप्लाई और गुड्स का व्यवसाय नहीं है ये सरकार द्वारा  किये गए कार्य के निष्पादन के तहत नहीं आता है 1964 में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की खंडपीठ ने स्पष्ट कहा है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9 (A) के तहत माइनिंग लीज का मामला सप्लाई ऑफ गुड्स बिजनेस के तहत नहीं आता. 2001 में करतार सिंह भदाना V/S हरि सिंह नालवा और अन्य और 2006 में श्रीकांत V/S बसंत राव और अन्य मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह का निर्णय दिया था.
 
उन्होंने कहा की 9A के तहत माइनिंग लीज का मामला नहीं आता है  क्युकी मुख्यमंत्री ने पहले ही अपने चुनावी हलाफनामा में इस बात का जिक्र किया है कि उनके नाम से एक माइंस लीज पर है, जिसे उन्होंने रिन्यूअल के लिए भेजी हुई है. ऐसे में तो कोई आपराधिक मामला बनता ही नहीं.  उन्होंने कहा की किसी तरह के कोई निर्णय लेने से पहले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को भी देखा जाना जरूरी है. साथ ही उन्होंने दिल्ली न्यायालय के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा की  इस मामले में दूसरे पक्ष को वर्डिक्ट रखने यानि  दूसरे पक्ष को अपनी बात रखने का भी मौका दिया जाना चाहिए। 
 
इस प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा की इस माइंस में लाइट का कनेक्शन नहीं है GST नहीं लिया है और ना ही एक छटाक पत्थर का खनन हुआ है और मुख्यमंत्री ने मर्यादा रखते हुए इस वापस भी कर दिया है। अब जल्द ही पिछली सरकार में किये गए भ्रष्टाचार का खुलसा होगा उन्होंने कहा की ऑर्गनिक फार्मिग ऑथरिटी ऑफ़ झारखण्ड यानि OFAJ के तहत किसानो को नहीं बल्कि ट्रेनिंग के लिए नेताओ को विदेशो में ले जाया गया है जल्द ही इस भ्रष्टाचार का खुलासा होगा।
 
सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा की हाल के दिनों में देखा गया है की केंद्र संवैधानिक संस्थाओ को कंधे पर रखकर बन्दुक चलाती  है इसलिए ऐसा लगता है की चुनाव आयोग बिना हेमंत सोरेन से मंतव्य लिए ही अपना फैसला दे सकती है अगर ऐसा हुआ तो हमलोग सुप्रीम कोर्ट तक जायेंगे . 
उन्होंने कहा की देश का हर नागरिक को बिजनेस करने का अधिकार है अगर वो बिजनेस नहीं करेगा तो क्या भगवा और लंगोटा पहन लेगा ,जल्द ही झारखण्ड में खुलासा होगा की कौन लोग क्या क्या कर रहे है।  सुदेश महतो तो सुदर्शन ग्रुप के शेयर होल्डर है उनपर सवाल क्यों है उठाया जाता है ,मनीष जायसवाल पर सवाल क्यों नहीं उठाया जाता है। जल्द ही आपको यह भी बताया जायेगा की एक रूपये में  किनकी किनकी कंपनी  को जमीन मिला और जमीन कब मिला और कंपनी कब बनी,  सारी चीजे विस्तार से बताई जाएँगी .बीजेपी सिर्फ हेमंत सोरेन के चरित्र को बदनाम करना चाहती है और झारखण्ड राज्य में हो बेहतर काम से भय खाकर हेमंत सरकार को अस्थिर करना चाहती है।
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