सालबोना खदान विवाद: जगबंधु पंडित पर अवैध खनन और साक्ष्य छिपाने का आरोप, राजस्व को भारी नुकसान
दुमका : राजा
शिकारीपाड़ा प्रखंड के सालबोना पहाड़ में पत्थर खदान के पट्टाधारी जगबंधु पंडित इन दिनों विवादों के घेरे में हैं। उन पर अवैध खनन और राजस्व को भारी नुकसान पहुँचाने का गंभीर आरोप लगा है। लीज अवधि समाप्त होते ही पंडित पर प्रशासनिक कार्रवाई का डर सताने लगा है, और अब वह साक्ष्य छिपाने की कोशिश में जुट गए हैं।
अवैध खनन को भरते हुए जीपीएस के साथ फोटो
अवैध खनन और राजस्व हानि का आरोप
सालबोना पहाड़ की पत्थर खदान में जगबंधु पंडित ने कथित तौर पर लीज क्षेत्र की सीमा से बाहर जाकर खनन किया। यह गतिविधि खनन नियमों और लीज समझौते का स्पष्ट उल्लंघन है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस अवैध खनन से झारखंड सरकार को करोड़ों रुपये की राजस्व हानि हुई है। रॉयल्टी और अन्य कर, जो सरकार को मिलने चाहिए थे, अवैध गतिविधियों के कारण नहीं मिले। साक्ष्य छिपाने की कोशिश
लीज अवधि समाप्त होने के बाद, जगबंधु पंडित ने कथित तौर पर अवैध खनन के निशान मिटाने के लिए पोकलेन मशीनों और डोजरिंग का सहारा लिया। खनन क्षेत्र में मिट्टी भरकर साक्ष्य छिपाने की कोशिश की जा रही है, ताकि जिला प्रशासन की जांच में कोई सबूत न मिले। यह कदम कानूनी कार्रवाई से बचने की रणनीति माना जा रहा है। प्रशासनिक कार्रवाई की आशंका
जिला प्रशासन ने अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन स्थानीय लोगों और सूत्रों का कहना है कि सालबोना पहाड़ के खदान का नाप-जोख (नापिकरण) जल्द शुरू हो सकता है। अगर जांच में अवैध खनन की पुष्टि होती है, तो जगबंधु पंडित से राजस्व हानि की वसूली के साथ-साथ जुर्माना और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। झारखंड के खान एवं भूतत्व विभाग के नियमों के तहत अवैध खनन पर कठोर कार्रवाई का प्रावधान है। झारखंड में अवैध खनन की समस्या
झारखंड में अवैध खनन कोई नई बात नहीं है। हाल के वर्षों में, राज्य के विभिन्न हिस्सों में अवैध खनन के मामले सामने आए हैं, जिनमें रेत, कोयला, और पत्थर जैसे खनिज शामिल हैं। जमशेदपुर के गुड़ाबांदा में पन्ना खनन के मामले में भी सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान होने की बात सामने आई थी। सालबोना पहाड़ का यह मामला भी उसी दिशा में इशारा करता है, जहां खनन माफिया द्वारा नियमों की अनदेखी की जा रही है।
इस मामले में जब हमारे रिपोर्टर ने खदान के मालिक जगबंधु पंडित से बात की तो उन्होंने कहा कि हमने कोई अवैध खनन नहीं किया है । ग्रामीणों के कहने पर हम इसे भर रहे हैं जाहिर है खनन करने के बाद भरना कहीं ना कहीं साक्ष्य को छुपाने की कोशिश होती है । क्योंकि ज्यादातर खनन पट्टाधारी लीज खत्म होते ही खदान को वैसे ही खुला छोड़ जाते हैं । ऐसे में खदान को भरना कई सवाल खड़े करता है । अब पूरा मामला राज्य खनन पदाधिकारी के हाथ में है, कि वह जल्द से जल्द जांच कर पूरे मामले का पर्दाफाश करें और जनता के सामने सच्चाई आ सके।
दूसरी ओर आम जनता की जिला प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि वह जल्द ही सालबोना पहाड़ के खदान की जांच शुरू करे। अगर अवैध खनन की मात्रा और राजस्व हानि का सटीक आकलन हो जाता है, तो यह मामला न केवल जगबंधु पंडित के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र में खनन गतिविधियों पर सवाल उठा सकता है। स्थानीय लोग भी इस मामले पर नजर रखे हुए हैं और चाहते हैं कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।