पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में भारतीय नौसेना का क्लर्क गिरफ्तार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी भेजी थी खुफिया जानकारी
भारतीय नौसेना मुख्यालय में कार्यरत एक क्लर्क को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी की पहचान हरियाणा निवासी विशाल यादव के रूप में हुई है, जो नौसेना मुख्यालय में अपर डिवीजन क्लर्क के पद पर कार्यरत था। राजस्थान पुलिस की खुफिया शाखा ने महीनों की निगरानी के बाद इस गिरफ्तारी को अंजाम दिया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, विशाल यादव ने नौसेना और अन्य रक्षा इकाइयों से संबंधित संवेदनशील जानकारी एक पाकिस्तानी महिला हैंडलर को भेजी, जो सोशल मीडिया पर “प्रिया शर्मा” के फर्जी नाम से सक्रिय थी। यह हैंडलर कथित तौर पर आईएसआई की एजेंट थी, जिसने यादव को पैसे के बदले गोपनीय जानकारी हासिल करने के लिए हनीट्रैप में फंसाया। जांच में पता चला कि यादव ने यह जानकारी लंबे समय तक, विशेष रूप से हाल ही में संपन्न ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी साझा की थी। ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर की गई सैन्य कार्रवाई थी।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विश्नुकांत गुप्ता ने बताया कि राजस्थान पुलिस की सीआईडी इंटेलिजेंस इकाई पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों की जासूसी गतिविधियों पर लगातार नजर रख रही थी। निगरानी के दौरान यादव का नाम सामने आया, जो सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी हैंडलर के साथ नियमित संपर्क में था। उसके मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच में कई वर्षों की बातचीत और डेटा ट्रांसफर के सबूत मिले, जिसमें गोपनीय दस्तावेज भी शामिल थे।
प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि यादव ऑनलाइन गेमिंग का आदी था और इस वजह से वह भारी कर्ज में डूबा हुआ था। अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए उसने संवेदनशील जानकारी साझा करना शुरू किया। उसे क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट (यूएसडीटी) और सीधे बैंक खातों में भुगतान प्राप्त हो रहा था।
वर्तमान में विशाल यादव को जयपुर के केंद्रीय पूछताछ केंद्र में कई खुफिया एजेंसियों द्वारा पूछताछ की जा रही है। जांचकर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कितनी संवेदनशील जानकारी लीक हुई और क्या इस जासूसी नेटवर्क में अन्य लोग भी शामिल हैं।