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मेयर डाॅ.आशा लकड़ा नें झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठाया सवाल.

राँची : यह कैसी व्यवस्था है, जहां ऑक्सीजन सिलेंडर पर्याप्त मात्र में हैं, जीवनरक्षक दवा रेमडेसीविर की कोई कमी नहीं है, फिर भी कोरोना से संक्रमित मरीज तड़प-तड़प कर दम तोड़ रहे हैं,  ये बातें आज मेयर डाॅ. आशा लकड़ा ने कही। स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित किया गया है कि सदर अस्पताल के एक कमरे में लगभग 500 ऑक्सीजन सिलेंडर भरे पड़े हैं, फिर भी गुरुवार को कोरोना संक्रमित मरीजों के परिजन पांच घंटे तक ऑक्सीजन का इंतज़ार करते रहे। राज्य के ड्रग्स निदेशक के अनुसार, जीवनरक्षक दवा रेमडेसीवीर दवा की कोई कमी नहीं है। प्रतिदिन रिम्स व सदर अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्तीगंभीर मरीजों की संख्या के अनुसार प्रतिदिन इस जीवनरक्षक दवा की आपूर्ति की जा रही है, फिर भी गंभीर मरीजो को जीवन रक्षक दवा नहीं दी जा रही है।

उन्होंने कहा ऑक्सीजन और जीवनरक्षक दवा समय पर नहीं दिए जाने के कारण प्रतिदिन अनगिनत मरीजों की मौत हो रही है। फिर भी राज्य सरकार आंशिक लॉकडाउन कर निश्चित हो चुकी है। मेयर ने कहा कि राज्य के विकास आयुक्त सह स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने गुरुवार को स्वयं सदर अस्पताल का निरीक्षण किया। फिर भी उन्हें सदर अस्पताल के कमरे में ऑक्सीजन के 500 सिलेंडर छिपाकर रखे जाने की भनक तक नहीं लगी। अब सवाल यह है कि स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारी निरीक्षण के नाम पर इस प्रकार की खानापूर्ति क्यों कर रहे हैं।क्या राज्य सरकार व विभाग के उच्च अधिकारियों के लिए कोरोना से संक्रमित मरीजों के जीवन का कोई मोल नहीं है।

मेयर नें कहा स्वास्थ्य मंत्री मीडिया के समक्ष बयान देते हैं कि मरीज के परिजन सदर व रिम्स की लापरवाही से संबंधित शिकायत लिखित रूप में करेंगे तो संबंधित मामले की जांच कराई जाएगी। क्या स्वास्थ्य मंत्री ऐसे मामलों में स्वतः संज्ञान नहीं ले सकते। कोरोना से संक्रमित मरीज अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन व जीवनरक्षक दवा के लिए तड़प-तड़प कर मर रहे हैं, फिर भी इस राज्य की अंधी, गूंगी व बहरी सरकार को न तो अव्यवस्था दिखाई दे रही है और न ही गंभीर मरीजों की चीख-पुकार सुनाई दे रही है। यदि इस हालात के लिए आम जनता स्वास्थ्य मंत्री को सरेआम खरी-खोटी सुनाती है, तो इससे यह स्पष्ट है कि वर्तमान हालात राज्य सरकार के नियंत्रण से बाहर है। पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन व जीवनरक्षक दवा उपलब्ध होने के बाद भी कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों को नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में रिम्स व सदर अस्पताल में उपलब्ध ऑक्सीजन व जीवनरक्षक दवा रेमडेसीवीर की कालाबाजारी से इंकार नहीं किया जा सकता।

मेयर ने मुख्यमंत्री व विभागीय मंत्री से अपील करते हुए कहा कि हालात बेकाबू हो रहे हैं। राज्य की जनता प्रतिदिन मौत का तांडव देख रही है। कहीं ऐसा न हो कि अधिकारी आपको गुमराह करते रहें और राज्य की जनता वर्तमान हालात को देखकर उग्र हो जाए। लिहाजा आम लोगों की तड़प को महसूस कीजिए। राज्य का मुखिया होने के नाते आमलोगों के बहुमूल्य जीवन की रक्षा कीजिए।

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