मंत्री को तरबूज के बर्बाद होने की मिल रही थी शिकायत, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने विभागीय सचिव को दी थी जानकारी.
राँची : झारखंड के कई जिलों से शिकायतें लगातार आ रही थी कि, किसानों के खेत में तरबूज बर्बाद हो रहे हैं। इसे लेकर कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री श्री बादल ने विभागीय सचिव श्री अबू बकर सिद्दीख को राज्य के संबंधित डीएचओ और बाजार समिति के सचिव के साथ समन्वय स्थापित कर किसानों को राहत देने के लिए कहा। विभागीय सचिव के द्वारा आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार और उद्यान विभाग के निदेशक ,भेजफेड के एमडी सहित सम्बंधित डी एच ओ एवं बाजार समिति के सचिव के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की गई। जहां विभागीय सचिव ने सभी को निर्देश दिया है कि वे अभिलंब किसानों के खेतों में पड़े तरबूज की खपत कैसे की जाए उसे लेकर जिला स्तर पर समन्वय स्थापित करें।
उन्होंने कहा कि राज्य के अंदर जिन जिलों में तरबूज की खेती नहीं हो रही है उन जिलों से जहां तरबूज की खेती ज्यादा हो रही है तरबूज भेजे जाए ।राज्य के बाहर कोलकाता ,उड़ीसा, बिहार एवं दिल्ली से भी समन्वय स्थापित किए जाएं, बाजार समिति के सचिव को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने जिले में किसानों के द्वारा तरबूज की कितनी पैदावार की जा रही है और खपत की स्थिति क्या है इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें और तुरंत में वहां के खरीददारों के साथ बैठक कर किसानों के तरबूज उचित कीमतों पर कैसे लिया जाए इसे देखें। जिला उद्यान पदाधिकारी एवं बाजार समिति के सचिव ने विभाग के सचिव को जानकारी देते हुए बताया की लॉक डाउन की वजह से खरीददार किसानों को उचित कीमत देने के लिए तैयार नहीं है, विभागीय सचिव ने अधिकारियों से कहा है कि वह किसान को अपना मेहनतआना मिल सके उन्हें नुकसान ना हो यह सुनिश्चित करने का काम करें। उनके इसी कार्य कुशलता के आधार पर आने वाले समय में राज्य सरकार उन्हें सम्मानित करने का भी काम करेगी।
कृषि विभाग के सचिव ने भेजफेड के एम डी को कहा कि इस कोरोना महामारी में भेजफेड को ज्यादा काम करने की आवश्यकता है, उन्होंने निर्देश दिया है कि राज्य के सभी जिलों में जिला स्तर पर तरबूज की खरीददारी कर घरों तक पहुंचाने का भी काम करें, जिससे किसानों को राहत दिया जा सके। भेजफेड को विस्तृत कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए गए है। बाजार समिति की सचिव को प्रत्येक दिन के रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग के विशेष सचिव श्री प्रदीप हजारे को न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने को लेकर जल्द बैठक कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। वही सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार श्री मृत्युंजय वर्णवाल ने कहा कि वर्तमान में जो कोल्ड स्टोरेज हैं उसे और मजबूत करने की आवश्यकता है, वही विभिन्न राज्यों से समन्वय स्थापित करने की भी बातें उन्होंने कही।
उद्यान विभाग के निदेशक श्री वरुण रंजन ने कहा की जूस बनाने वाली कंपनी से बात की जा रही है जो खूंटी के किसानों के तरबूज को लेगी, बिहार बंगाल और उड़ीसा से समन्वय स्थापित किए जा रहे हैं ।उन्होंने विभागीय सचिव से आग्रह किया की विभिन्न जगहों पर किसानों के तरबूज के पैदावार होते हैं, खरीददार को किसी एक पॉइंट को बनाकर वहां से तरबूज दिए जाए, जिससे राज्य के बाहर आसानी से तरबूज भेजे जा सके। विभागीय सचिव ने इसे भी सुनिश्चित करने के निर्देश दे दिए हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान विभाग के विशेष सचिव श्री प्रदीप हजारे भी मौजूद थे।