Power Crisis in Jharkhand : पहली बार पावर प्लांटाें तक काेयला पहुंचाने के लिए कई पैसेंजर ट्रेनाें काे रद्द
Power Crisis in Jharkhand
झारखण्ड में इनदिनों भीषण गर्मी के बीच दिन और रात में बिजली की कटौती जारी है। भले ही राज्य के मंत्री इसे जल्द ही दुरुस्त करने का दावा कर रहे हो लेकिन लगातार लोड शेडिंग से आम लोग परेशान हैं। सबसे अधिक परेशानी बुजुर्गों व बच्चों को हो रही है। तभी तो राज्य में बिजली की मांग को लेकर राज्य में हर दिन धरना प्रदर्शन हो रहे है। सिर्फ रांची की बात करे तो रांची में बिजली की मांग बढ़कर 300 मेगावाट हो गई है। लेकिन, आपूर्ति 230 से 240 मेगावाट ही हो रही है।
झारखण्ड के कई जिलों में छाएंगे बादल गरज के साथ तेज हवाएं( strong winds) भी चल सकती है
Power Crisis in Jharkhand
वैसे बिजली के कटौती का मुख्य कारण पावर प्रोजेक्ट में कोयले की कमी मानी जा रही है इस मसले जब जब दो दिवसीय दौरे पर आये केंद्रीय कोयला मंत्री प्रलाद जोशी से कोयले की कमी के सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इंपोर्ट प्राइस बढ़ गया है। डिमांड भी बढ़ गयी है। देश और राज्य की इकोनॉमिक बदल गयी है। पहले उत्पादन 3.3 बिलियन थी। वह 3.5 बिलियन तक हुई है। वहीं 21.22 मिलियन टन पावर प्लांट में है और 72 मिलियन कोल इंडिया और अन्य के पास है। उन्होंने कहा कि 10 दिन का कोयला स्टॉक है। इस लिए कुछ लोग बोल रहे है कि कोयले की सोटेज हो गयी है। लेकिन ऐसी बात नहीं है। बल्कि कंटिन्यूटी जारी रहेगी।
CM हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू की सम्पति की जाँच को लेकर खिलाफ PIL
Power Crisis in Jharkhand
झारखण्ड में महीने भर से बिजली संकट अपने चरम पर है जिस कारण से आम जनता मूलभूत सुविधा बिजली की संकट से लगातार जूझ रही है। इसी समस्या को लेकर रांची में आप पार्टी और भाकपा माले के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। एआईसीसीयु के झारखंड राज्य महासचिव शुभेंदु सेन का कहना है कि मौजूदा बिजली संकट को कृत्रिम रूप से पैदा किया जा रहा है और इसके पीछे निजीकरण एक बड़ा कारण हो सकता है। बड़े औद्योगिक घरानों के हित के कारण इस प्रकार का बिजली संकट भीषण गर्मी के समय में पैदा किया जा रहा है।
सुलतानगंज के बीच गंगा नदी (GANGA RIVER) पर निर्माणधीन पुल का स्लैब गिरा
Power Crisis in Jharkhand
वहीँ बिजली संकट को लेकर राँची के युवाओं एवं महिलाओं द्वारा हाथों में ढिबरी लेकर पैदल मार्च निकाला गया । इस मार्च में महिलाओं एवं पुरुषों के द्वारा हाथ में ढिबरी लेकर और हाथों में तख़्तियाँ लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया गया ,सभी लोग ज़िला स्कूल मैदान से बिजली विभाग हाय हाय ,बिजली विभाग होश में आओ ,बिजली ब्यवस्था अविलंब दुरुस्त करो के नारे लगाते हुए, फिरायालाल चौक तक पहुँचे . इस दौरान लोगो ने कहा की इस भीषण गर्मी में बिजली विभाग के रवैये ने रांची के गृहिणियों ,स्कूल जाने वाले छोटे -छोटे बच्चों सहित आम और मध्यमवर्गीय लोगों का जीना मुहाल कर दिया है, उद्योग जगत पर भी इसका बेहद बुरा प्रभाव पड़ रहा है। मुख्यमंत्री जी इस पर अविलंब ठोस करवाई कर जनता को राहत देने का कार्य करें।
हेमंत माइंस लीज मामले में जेएमएम (JMM)और बीजेपी आमने सामने
Power Crisis in Jharkhand
जबकि बिजली संकट पर सरकार के मंत्री अलग राग आलाप रहे है ,कोई मंत्री कहता है की ये तो थोड़ी मोड़ी बिजली हवा -पानी से कटी है जबकि कोई मंत्री कहता है की ये सब केंद्र सरकार की वजह से हो रहा है। केंद्र झारखण्ड के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है इसलिए बिजली कट रही है ,मंत्री जी का कहना है की और भी राज्यों में DVC का बकाया है लेकिन बिजली सिर्फ झारखण्ड की काटी जा रही है।
बिजनेस नहीं करे तो क्या भगवा और लंगोट पहन ले : JMM MLA सुदिव्य कुमार सोनू (Hemant Lease Case)
Power Crisis in Jharkhand
ऐसा पहली बार हाे रहा है कि पावर प्लांटाें तक काेयला पहुंचाने के लिए रेलवे ने कई पैसेंजर ट्रेनाें काे रद्द कर दिया है। इसमें हटिया से मुंबई जानेवाली साप्ताहिक हटिया-एलटीटी एक्सप्रेस ट्रेन (अप और डाउन) काे भी 29 अप्रैल से 21 मई तक के लिए रद्द कर दिया गया है। वहीं, एलटीटी से हटिया एक्सप्रेस ट्रेन 1 से 23 मई तक के लिए रद्द रहेगा। इस ट्रेन के रद्द हाेने से करीब रांची सहित आसपास जिले से मुंबई जानेवाले करीब 50 हजार यात्री प्रभावित हाेंगे। रांची रेल डिवीजन की यह मुख्य ट्रेन मानी जाती है। इस ट्रेन में 12 महीने वेटिंग की स्थिति रहती है। आरक्षित श्रेणी की बाेगी के अलावे जनरल बाेगी में तय सीमा से ज्यादा यात्री मुंबई जाते हैं।