Ranchi News:-पुस्तकालयों में केवल किताबें ही नहीं, कंप्यूटर भी होंगे, 464 स्कूलों में होगी ऐसी सुविधा
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प्रेरणा चौरसिया
Drishti Now Ranchi
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी लाइब्रेरी का लाभ लेंगे। उनके लिए सरकार तमाम तैयारियां कर रही है। स्कूलों में बेहतरीन लाइब्रेरी डेवलप की जा रही है। जहां केवल किताबें ही नहीं कंप्यूटर भी होगा। जल्द ही इसका लाभ स्टूडेंट्स लेने लगेंगे। अभी ऐसी लाइब्रेरी 80 स्कूल ऑफ एक्सिलेंस, 325 प्रखंड स्तरीय आदर्श विद्यालय और 59 मॉडल स्कूलों में देखने को मिलेगी। इन स्कूलों में लाइब्रेरी सुसज्जित कीजा रही है। इन स्कूलों की लाइब्रेरी की आधारभूत संरचना को दुरुस्त किया जा रहा है।
फर्नीचर की सप्लाई हुई शुरू
80 स्कूल ऑफ एक्सिलेंस, 325 प्रखंड स्तरीय आदर्श विद्यालय और 59 मॉडल स्कूलों में लाइब्रेरी के लिए फर्नीचर सहित अन्य जरूरत के सामान उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। इसके लिए नयी दिल्ली की कंपनी का चयन किया गया है। कंपनी का नाम मेसर्स मेथोडेक्स सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड है। इसी कंपनी को सभी 464 स्कूलों में लाइब्रेरी फर्नीचर उपलब्ध करने को कहा गया है। संस्थान इसकी आपूर्ति कर रही है। इसके लिए स्कूल वार फर्नीचर की निर्धारित संख्या भी दी गई है।
ऐसा होगा लाइब्रेरी का सेटअप
उन्नत लाइब्रेरी के लिए हर प्रकार के स्कूल में स्कूल वार किस तरह के और कितने फर्नीचर लगाए जाएंगे, इसे निर्धारित कर दिया गया है। मेसर्स मेथोडेक्स सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से उसी के अनुसार फर्नीचर दिए जाएंगे।
एसओई और मॉडल स्कूल
80 स्कूल ऑफ एक्सिलेंस और मॉडल स्कूलों की लाइब्रेरी के लिए 30 कुर्सी, पांच रिडिंग टेबल, 10 बुक केस, दो अलमारी, एक ऑफिस टेबल, एक कंप्यूटर टेबल, दो ऑफिस कुर्सी और एक न्यूज पेपर स्टेंड अलॉट किया गया है। कंपनी को इसी तरह का सेट सभी स्कूलों में लगाना है।
प्रखंड स्तरीय आदर्श स्कूल
वहीं, 245 प्रखंड स्तरीय आदर्श विद्यालयों में 20 कुर्सी, चार रिडिंग टेबल, पांच बुक केस, एक अलमारी, एक ऑफिस टेबल, एक कंप्यूटर टेबल, एक ऑफिस कुर्सी और एक न्यूज पेपर स्टेंड दिया जाएगा।
विभाग निरीक्षण भी करेगा
ऐसा नहीं है कि कंपनी की ओर से सेटअप लगा देना ही काफी हो जाएगा। स्कूलों में जैसा तय किया गया है, ठीक वैसा ही सेटअप है या नहीं इसकी जांच भी होगी। सभी स्कूलों को सख्त निर्देश है कि फर्नीचर की आपूर्ति के बाद इसका मिलान कर जानकारी देंगे। वहीं विभाग की टीम स्कूलों में जाकर इसकी क्वालिटी की भी जांच करेगी। जिस सैंपल के आधार पर कंपनी को यह काम दिया गया था उस पर वह खरा उतरी है या नहीं यह भी देखा जाएगा।
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