Ranchi News:-झारखंड में बिल्डरों के डेटा ऑनलाइन अपलोड नहीं, कितना निर्माण हुआ झारेरा को भी नहीं पता, अब होगी सख्ती
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प्रेरणा चौरसिया
Drishti Now Ranchi
झारखंड के अधिकतर बिल्डर समय के अंदर प्रोजेक्ट काे पूरा नहीं कर रहे हैं। बिल्डरों द्वारा झारेरा रजिस्ट्रेशन के समय बिल्डिंग का निर्माण पूरा करने के लिए जो समय दिया जा रहा है, उस अवधि में लगभग 95 प्रतिशत प्राेजेक्ट कंप्लीट नहीं हो रहे हैं।
इसका खुलासा झारखंड भू-संपदा नियामक प्राधिकार (झारेरा) ने किया है। झारेरा चेयरमैन ने तिमाही रिपोर्ट ऑनलाइन अपलोड नहीं करने पर 379 प्रोजेक्ट के डेवलपर को नोटिस जारी किया है। ऐसे डेवलपर से 15 जुलाई तक हर हाल में अपने प्रोजेक्ट का अपडेट डेटा झारेरा बेवसाइट पर अपलोड करने के लिए कहा है, ताकि बिल्डरों द्वारा दिए गए समय के अंदर प्रोजेक्ट पूरा हो सके और फ्लैट खरीदारों को तय समय पर फ्लैट हैंडओवर हो सके।
15 जुलाई तक प्रोजेक्ट का डेटा अपलोड नहीं करने वाले बिल्डरों पर पांच लाख रुपए तक जुर्माना लगाने की चेतावनी भी दी गई है। मालूम हो कि झारेरा से रजिस्टर्ड सभी प्रोजेक्ट की स्थिति हरेक तीन माह के अंतराल पर झारेरा के पोर्टल पर अपलोड करना होता है। लेकिन, झारखंड के अधिकतर बिल्डर लंबे समय से डेटा अपलोड नहीं कर रहे हैं।
इस वजह से यह पता नहीं चलता है कि संबंधित प्रोजेक्ट का कितना प्रतिशत काम हुआ है। बिल्डरों की इस लापरवाही का खामियाजा फ्लैट खरीदारों को भुगतना पड़ता है। इसलिए झारेरा ने बिल्डरों पर सख्ती करनी शुरू कर दी है।
60 फीसदी प्रोजेक्ट की समय सीमा समाप्त फिर भी अब तक नहीं किया हैंडओवर
झारेरा में रजिस्टर्ड 60% प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिसके पूरा होने का समय दिसंबर 2022 और मार्च 2023 था। 25% प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिसे जून 2023 तक पूरा होना है। लेकिन, ऐसे प्रोजेक्ट का 60 से 70% ही काम हुआ है। ऐसे प्रोजेक्ट करीब एक वर्ष देरी से चल रहे हैं।
30 से अधिक प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिसका निर्माण मार्च में शुरू होना था, लेकिन अभी तक उसकी नींव भी नहीं पड़ी है। इसलिए अधिकतर बिल्डर अपने प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति का खुलासा नहीं कर रहे हैं और झारेरा बेवसाइट पर डेटा भी अपलोड नहीं कर रहे हैं।
प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद भी ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट नहीं दे रहे हैं कई डेवलपर
रांची सहित राज्य के 50 से अधिक डेवलपर के प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं। ऐसे प्रोजेक्ट की जानकारी झारेरा बेवसाइट पर अपलोड की गई है, लेकिन संबंधित बिल्डरों ने ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट अभी तक जमा नहीं किया है।
ऐसे बिल्डरों को भी झारेरा ने नोटिस दिया है। पहले भी झारेरा की ओर से संबंधित बिल्डरों को नोटिस दिया गया था, लेकिन कई बिल्डरों ने इसका जवाब नहीं दिया। इसे देखते हुए अब झारेरा की टीम साइट विजिट करके प्रोजेक्ट की वास्तविक स्थिति भी देखेगी।
डेटा अपलोड नहीं करने पर साइट विजिट कर जुर्माना लगाएंगे
फ्लैट खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए झारेरा काम करता है। राज्य के अधिकतर बिल्डर फ्लैट खरीदारों को निर्धारित समय में फ्लैट हैंडओवर नहीं करते हैं। इसकी शिकायत पर रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट की निगरानी की जाती है। 379 प्रोजेक्ट का डेटा अपलोड नहीं किया गया है। ऐसे सभी बिल्डरों को नोटिस दिया गया है। साइट विजिट करने के साथ जुर्माना भी लगाया जाएगा। -नीरज श्रीवास्तव, ओएसडी, झारेरा
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