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Rims Hospital:- रिम्स में एक बार फिर टेस्ट रीएजेंट ख़त्म, मरीजों को हो रही है परेशानी ,10-15 दिन तक की वेटिंग

Rims Hospital

Prerna  Chourasia

Drishti Now  Ranchi

रिम्स में एक बार फिर रीएजेंट (जांच किट) खत्म होने से जांच प्रभावित है। स्थिति यह है कि मरीजों को टेस्ट के लिए तारीख पर तारीख दी जा रही है। सीटी स्कैन के कारण 15 दिन तो ईको कार्डियोग्राफी व अल्ट्रासाउंड के लिए 7 दिनों की वेटिंग चल रही है।

रीएजेंट खत्म होने से ट्रॉमा सेंटर में स्थापित सेंट्रल लैबोरेट्री पूरी तरह से बंद हो गई है। सोमवार व मंगलवार को लैब में जहां गिने-चुने टेस्ट हुए, वहीं बुधवार से जांच पूरी तरह प्रभावित हो गई। लैब में प्रतिदिन 500-600 मरीजों की जांच होती थी। जबकि रिम्स के अन्य लैब में भी रोज लगभग इतने ही सैंपल की जांच होती है।

बता दें कि हाईकोर्ट की फटकार के बाद सेंट्रल लैबोरेट्री खोली गई थी। प्रबंधन ने दावा किया था कि यह लैब 24 घंटे सातों दिन संचालित रहेगी। लैब में 24 घंटे में 10 हजार जांच करने की क्षमता है।

तीन दिन में रिम्स के 3200 मरीजों ने निजी लैब में कराई 27 लाख की जांच

रिम्स में जांच ठप होते ही प्राइवेट लैब की चांदी हो गई है। सिर्फ तीन दिन में रिम्स के करीब 3200 मरीजों को प्राइवेट लैब में जांच करानी पड़ी। इतने मरीजों को रिम्स के डॉक्टरों ने 500 से 2500 रुपए तक की जांच लिखी। यदि प्रति मरीज औसत 850 रुपए की जांच से भी खर्च निकालें तो रिम्स आने वाले मरीजों को तीन दिनों में ही प्राइवेट लैब को करीब 27 लाख रुपए चुकाने पड़े।

ज्यादातर मरीजों के पर्चो में सीबीसी टेस्ट, एलएफटी, आरएफटी, लिपिड प्राफाइल, टी3, टी4, टीएसएच जांच लिखे हुए थे। सिर्फ इतने ही जांच के लिए मरीज को प्राइवेट लैब में 1700 से 2000 का खर्च पड़ता है।

सेंट्रल लैब में होती हैं ये सभी जांच

जांच रिम्स प्राइवेट शुगर फास्टिंग मुफ्त -100 शुगर पीपी मुफ्त -100 शुगर रैंडम 20 -100 एलएफटी 45 -150 किडनी फंक्शन 40 -300 टोटल प्रोटिन मुफ्त -200 एल्बुमिन मुफ्त -125 सीरम एलेक्ट्रोलेट्स मुफ्त -250 कार्डियक प्रोफाइल मुफ्त -2000 एनटी प्रो बीएनपी मुफ्त -2000 टोटल पीएसए मुफ्त -700 डी-डाइमर मुफ्त -1500 एमाइलेज मुफ्त ~400 लाइपेज मुफ्त -500 एफटी-3 -125 -200 एफटी-4 -125 -200 टीएसएच -180 -200 सीबीसी -20 -350 लिपिड प्रोफाइल -200 600

डॉक्टर ने लिखा टेस्ट.पर नहीं लिया सैंपल

रामगढ़ से सर्जरी ओपीडी में इलाज कराने पहुंचे रमेश कुमार पेट दर्द से परेशान थे। डॉक्टर ने सीबीसी, आरएफटी, लिपिडी प्रोफाइल टेस्ट लिखा। उनके परिजन रोहित ने बताया कि रिम्स के लैब में सैंपल देने गए, पर कहा जांच बंद है।

वार्ड में आकर सैंपल ले गए प्राइवेट लैब वाले.
मेडिसिन विभाग में भर्ती तबस्सूम को डॉक्टर ने तीन-चार तरह की जांच लिखी। लेकिन वार्ड के नर्सों ने बताया कि रिम्स में जांच नही हो रही है। उन्होंने प्राइवेट लैब वाले को बुला दिया। वही सैंपल ले गया, 1100 रुपए ले लिये।

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