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तेज प्रताप यादव का आरजेडी से 6 साल का निष्कासन: मालदीव यात्रा और विवाद

तेज प्रताप यादव का आरजेडी से 6 साल का निष्कासन: मालदीव यात्रा और विवाद

रांची / पटना, : राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे और बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। यह फैसला तेज प्रताप की एक विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट के बाद लिया गया, जिसमें उन्होंने अनुष्का यादव नाम की एक युवती के साथ 12 साल पुराने रिश्ते का जिक्र किया था। हालांकि, बाद में तेज प्रताप ने दावा किया कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक हो गया था। इस घटना ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है।
साधु यादव के गंभीर आरोप
कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तेज प्रताप के मामा साधु यादव ने उन पर कई अवैध संबंधों का आरोप लगाया है। साधु ने कहा कि तेज प्रताप का व्यवहार पहले से ही परिवार और पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ा करता रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि लालू और राबड़ी देवी को इन गतिविधियों की जानकारी थी, लेकिन अब मामला सार्वजनिक होने से परिवार की छवि को नुकसान पहुंचा है।
वायरल चैट और मालदीव यात्रा का जिक्र
सोशल मीडिया पर एक कथित चैट वायरल हो रही है, जिसमें तेज प्रताप पर एक तीसरी लड़की के साथ मालदीव यात्रा और ‘बेबी प्लानिंग’ के लिए भेजने का आरोप है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने तेज प्रताप को 17 से 23 मई तक मालदीव जाने की इजाजत दी थी, जहां से उन्होंने समुद्र किनारे ध्यान करते हुए एक वीडियो साझा किया। इस वीडियो में ‘ओम नमः शिवाय’ का मंत्र बज रहा था, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर तंज कसे गए।
पहली शादी और पुराना इंटरव्यू
तेज प्रताप का एक पुराना इंटरव्यू भी वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने अपनी पहली शादी को राजनीतिक दबाव का नतीजा बताया था। 2018 में उनकी शादी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय की पोती ऐश्वर्या राय से हुई थी, लेकिन कुछ महीनों बाद ही ऐश्वर्या ने मारपीट और अन्य आरोप लगाते हुए घर छोड़ दिया था। तलाक का मामला अभी कोर्ट में लंबित है।
राजनीतिक भविष्य पर सवाल
तेज प्रताप के निष्कासन के बाद उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट्स किए हैं, जिससे बिहार में सियासी माहौल गरमा गया है। तेज प्रताप 2015 में महुआ विधानसभा सीट से जीते थे और बाद में 2020 में हसनपुर से विधायक बने। हालांकि, हाल ही में उन्होंने महुआ सीट पर फिर से दावा जताया था, लेकिन निष्कासन के बाद आरजेडी के टिकट पर उनका चुनाव लड़ना मुश्किल लग रहा है।
भाजपा और जदयू ने इस मुद्दे पर लालू परिवार पर तंज कसते हुए इसे आरजेडी की अंदरूनी कलह का सबूत बताया है। वहीं, तेजस्वी यादव ने कहा, “राजनीतिक और निजी जीवन अलग हैं, लेकिन हम गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार बर्दाश्त नहीं करते।”

जाहिर है तेज प्रताप के समर्थकों में उनकी ‘तेजू भैया’ वाली छवि अब भी कायम है, लेकिन पार्टी और परिवार से निष्कासन ने उनके राजनीतिक भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले लालू के इस फैसले ने आरजेडी के भीतर और बाहर नई बहस छेड़ दी है। क्या तेज प्रताप नई सियासी राह चुनेंगे या परिवार के साथ सुलह करेंगे, यह आने वाले दिनों में साफ होगा।

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