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झारखंड: कानून व्यवस्था पर CM हेमंत सोरेन की हाई लेवल मीटिंग, 16 अहम एजेंडों पर हो सकती है चर्चा

झारखंड: कानून व्यवस्था पर CM हेमंत सोरेन की हाई लेवल मीटिंग, 16 अहम एजेंडों पर हो सकती है चर्चा

रांची : नवीन कुमार

रांची, 26 मई : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंगलवार, 27 मई को दोपहर 2 बजे झारखंड मंत्रालय, रांची में राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्य के शीर्ष अधिकारी, जिनमें मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक (DGP) और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल होंगे, उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा, विभिन्न जिलों और अन्य कार्यालयों के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस बैठक में भाग लेंगे।
बैठक का उद्देश्य और एजेंडा
यह बैठक राज्य में कानून व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, बैठक में 16 महत्वपूर्ण एजेंडों पर विस्तृत चर्चा होने की बात कही जा रही है। इनमें शामिल हैं:
अवैध घुसपैठ का मुद्दा: सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध घुसपैठ की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय और निगरानी तंत्र की समीक्षा।
आपराधिक घटनाओं पर नियंत्रण: हाल के दिनों में हुई प्रमुख आपराधिक घटनाओं का विश्लेषण और उनके निवारण के लिए रणनीति।
पुलिस बल की कार्यक्षमता: पुलिस बल की तैनाती, प्रशिक्षण और संसाधनों की उपलब्धता पर चर्चा
साइबर क्राइम और डिजिटल सुरक्षा: बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने के लिए तकनीकी उपायों की समीक्षा।
महिला सुरक्षा: महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रोकथाम और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के उपाय।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति: नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाने और प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों की प्रगति।
सामुदायिक पुलिसिंग: पुलिस और जनता के बीच बेहतर समन्वय के लिए सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा देना।
जेल सुधार: राज्य की जेलों में सुरक्षा और सुधार प्रक्रिया की स्थिति।
अपराध डेटा विश्लेषण: अपराध के आंकड़ों का विश्लेषण और हॉटस्पॉट क्षेत्रों में विशेष ध्यान।
ट्रैफिक प्रबंधन: शहरी क्षेत्रों में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू करने के उपाय।
आदिवासी क्षेत्रों में सुरक्षा: आदिवासी बहुल क्षेत्रों में कानून व्यवस्था की स्थिति और विशेष चुनौतियों पर चर्चा।
पुलिस सुधार: पुलिस विभाग में सुधार और आधुनिकीकरण की प्रगति।
आपदा प्रबंधन और सुरक्षा: प्राकृतिक आपदाओं के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने की रणनीति।
खुफिया तंत्र को मजबूत करना: खुफिया जानकारी के संग्रह और विश्लेषण की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने के उपाय।
सामाजिक तनाव और सांप्रदायिक सौहार्द: सामाजिक तनाव को कम करने और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की रणनीति।
अन्य स्थानीय मुद्दे: विभिन्न जिलों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर स्थानीय स्तर की समस्याओं का समाधान।
तैयारियों में जुटा प्रशासन
इस बैठक की तैयारी के लिए पुलिस महानिदेशक प्रारंभिक समीक्षा बैठक की। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान सभी 16 एजेंडों पर विस्तृत चर्चा की गई और जिलों से संबंधित अपडेट्स और रिपोर्ट्स मांगे गए। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में कानून व्यवस्था की स्थिति पर विस्तृत जानकारी और सुझाव लेकर बैठक में शामिल हों।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने क्यों बुलाई इतनी अहम बैठक
झारखंड में हाल के दिनों में कुछ आपराधिक घटनाओं और अवैध घुसपैठ जैसे मुद्दों ने सरकार का ध्यान आकर्षित किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले भी कई बार कानून व्यवस्था को लेकर सख्त रुख अपनाने की बात कही है। यह बैठक न केवल इन मुद्दों पर गहन मंथन का अवसर प्रदान करेगी, बल्कि राज्य में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण होगी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ेंगे जिला अधिकारी
राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक, उपायुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस बैठक में शामिल होंगे। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों की समस्याओं को भी सीधे तौर पर उठाने का मौका मिलेगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस बैठक के बाद ले सकते हैं कुछ नीतिगत फैसला
इस बैठक के बाद सरकार द्वारा कानून व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए कई नीतिगत फैसले लिए जा सकते हैं। इनमें पुलिस बल की संख्या में वृद्धि, नई तकनीकों का उपयोग, और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ाने जैसे कदम शामिल हो सकते हैं। साथ ही, अवैध घुसपैठ और नक्सल गतिविधियों जैसे संवेदनशील मुद्दों पर विशेष कार्ययोजना तैयार की जा सकती है।
जाहिर है मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की यह उच्च स्तरीय बैठक झारखंड में कानून व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस बैठक के परिणामस्वरूप राज्य में शांति, सुरक्षा और विकास के लिए नए दिशा-निर्देश सामने आ सकते हैं। सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि यह बैठक किन नए उपायों और रणनीतियों को लेकर सामने लाएगी।

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