अनिल टाइगर की हत्या के विरोध में बंद का व्यापक असर, सुबह से ही बीजेपी समर्थक सड़क पर उतरकर बंद करा रहे हैं, लोग खुद भी बंद का समर्थन कर रहे हैं , रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ भी सड़क पर उतरे
अनिल टाइगर की हत्या के विरोध में बंद का व्यापक असर, सुबह से ही बीजेपी समर्थक सड़क पर उतरकर बंद करा रहे हैं, लोग खुद भी बंद का समर्थन कर रहे हैं , रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ भी सड़क पर उतरे
BJP नेता अनिल टाइगर की हत्या के बाद बुलाए गए झारखंड बंद का व्यापक असर देखा जा रहा है। बात करे रांची की तो बीजेपी नेता सुबह से ही अनिल टाइगर की हत्या के विरोध में सड़क पर उतरे हुए है । जगह-जगह आगजनी और सड़क को ब्लॉक कर दिया गया है खुद राज्य रक्षा मंत्री संजय सेठ भी सड़क पर उतर गए हैंऔर अपने समर्थकों के साथ और रोड ब्लॉक कर बैठ गए हैं इस बंद का बीजेपी को कई संगठनों से समर्थन प्राप्त है वहीं आजसू, जदयू, और जेएलएकेम जैसे राजनीतिक दलों का भी बंद को समर्थन है वहीं कुड़मी/कुर्मी समाज ने भी आज 24 घंटे के झारखंड बंद की घोषणा की है

रांची के कांके चौक, पिठौरिया चौक, रातू रोड, धुर्वा बस स्टैंड, काठीटांड़ चौक, हरमू रोड, और किशोरगंज चौक जैसे प्रमुख स्थानों पर बंद समर्थकों ने सड़कों को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर, वाहनों को रोककर, और दुकानों को बंद करवाकर अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं। खुद रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ भी बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ सड़कों पर उतरे हुए है

पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सख्ती दिखाई है। सुबह से ही रांची पुलिस अलर्ट मोड पर है और बंद समर्थकों को गिरफ्तार करने में जुटी है। इस दौरान अरगोड़ा पुलिस ने बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव को गिरफ्तार किया पुलिस का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए गश्त बढ़ाई गई है और संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है।

अनिल टाइगर की हत्या के बाद उठे आक्रोश में संगठनों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। जेएलएकेम के देवेंद्र नाथ महतो ने इसे कानून-व्यवस्था की विफलता करार दिया, जबकि कुड़मी समाज के शीतल ओहदार ने दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग की।
फिलहाल, रांची में तनावपूर्ण माहौल है। प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर डटे हैं, और पुलिस प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। यह बंद और विरोध प्रदर्शन अनिल टाइगर की हत्या के खिलाफ जनता के गुस्से को स्पष्ट रूप से दर्शा रहा है।