सीबीआई की चार्जशीट में खुलासा, होशो-हवास में लखन और राहुल ने मारी थी टक्कर !
अनुशील ओझा,धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत मामले में CBI ने 40 पेजो में चार्जशीट दाखिल करते हुए उत्भेदन किया है कि मरहूम उत्तम आनंद की मृत्यु एक्सीडेंट नहीं बल्कि, जानबूझकर आटो से मार कर उनकी कत्ल की गई थी. आरोपी राहुल वर्मा व लखन वर्मा ने कत्ल के मंशा से मार्निंग वाक कर रहे उत्तम आनंद को आटो से धक्का मारा था. दोनों आरोपियों की खून व पेशाब की जांच में स्पष्ट होगया है कि दोनों आरोपी नशे में नहीं थे. सीबीआई ने ये भी बताया है कि जिस वक्त धक्का मारा गया उस वक्त सड़क पर ट्रैफिक नहीं थी. धक्का मारने के बाद आटो की गति भी कम नहीं की थी, यही नहीं एक दिन पहले से दोनों ही एक साथ थे. इन वजहों से ये साफ़ होता है कि इरादतन जज की हत्या का है।।।।
इन्हे भी पढ़े :- किया लॉकडॉन का उल्लंघन 6 दुकानों को जारी की गई नोटिस
CBI ने दावा किया है कि 27 जुलाई को लखन ने पहले आटो को उसके मालिक के घर से निकाला, फिर राहुल के साथ निकला था. पहले आटो लेकर दोनों लोग बलियापुर गए, जहां उनके नंबर प्लेट को हटा कर फेंक दिया. फिर रात को आटो लेकर दोनों राहुल और लखन धनबाद स्टेशन पहुंचे. जिसके बाद सुबह दोनों ने क़त्ल को अंजाम दिया. धक्का मारने के पश्चात आटो से राहुल वर्मा कुछ दूर आगे हीरापुर हटिया मोड़ पर ही उतर गया . जिसके बाद राहुल वर्मा दूसरे आटो से गोविंदपुर गया. लखन पहले ही गोविंदपुर आटो लेकर पहुंच चुका था और राहुल के आने का इंतजार करता रहा. राहुल वर्मा के आने के बाद दोनों लोग वहां से गिरिडीह चले गए थे. जिससे यह साबित हो रहा है कि हत्या के एक दिन पूर्व से ही दोनों आरोपी साथ थे।।।।
इन्हे भी पढ़े :- रजरप्पा मंदिर के पहुंच पथ पर अहले सुबह दर्जन भर हाथियों का झुंड देखा गया,श्रद्धालुओ मे भय का माहौल !
सीबीआई के चार्जशीट के मुताबिक राहुल वर्मा को पेशेवर चोर बताया है. और ये भी बताया गया है कि वह भी मोबाइल चोरी के आरोप में हवालात भी जा चुका है. ज्ञात हो की जज की हत्या 28 जुलाई की बिलकुल सुबह सुबह रणधीर वर्मा चौक के सामने मार्निंग वाक के करते वक़्त आटो से धक्का मरी गई थी. हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ की दिल्ली से टीम इस मामले की जांच कर रही है.चार्जशीट में सीबीआइ ने मृतक जज उत्तम आननद की पत्नी, एसएनएमएमसीएच की एएनएम, डाक्टर, आटो मालिक, उसकी पत्नी, फारेंसिक एक्सपर्ट, घटना के वक्त रणधीर वर्मा चौक के आसपास मौजूद लोग, विभिन्न मोबाइल कंपनियों के नोडल आफिसर, सड़क निर्माण विभाग के इंजीनियर, पाथरडीह थाना के एएसआइ, सीबीआइ के एसपी, डीएसपी सहित कुल 13 अधिकारियों के साथ 169 लोगों को गवाह बनाया गया है.
इन्हे भी पढ़े :- आम नागरिकों द्वारा कॉम्बेट ड्रेस का प्रयोग हुआ, तो होगी करवाई : झारखण्ड पुलिस