बोकारो में विस्थापित की लाठी चार्ज में मौत के दूसरे दिन बोकारो बंद के दौरान आगजनी, तोड़फोड़
बोकारो में हुए कल विस्थापितों के प्रदर्शन के दौरान एक विस्थापित की लाठी चार्ज में मौत के बाद शुक्रवार को बोकारो बंद का ऐलान किया गया है ।आज सुबह से विस्थापितों ने जगह-जगह सड़क जाम कर दिया और आगजनी की । प्रदर्शनकारियों ने कई बसों में आग लगा दी । बीएसएल प्लांट के आसपास के इलाकों में पानी की लाइफ लाइन कही जाने वाली तेनुघाट नहर को भी बीच से काट दिया , जिससे तेनुघाट के पानी का बहाव दूसरी ओर होने लगा अगर जल्द ही से बंद नहीं किया गया तो आसपास के इलाकों में पानी की समस्या उत्पन्न हो सकती है । जाहिर है की बोकारो में विस्थापितों के आंदोलन ने 3 अप्रैल, 2025 को एक हिंसक मोड़ ले लिया, जब बोकारो स्टील लिमिटेड (बीएसएल) के एडीएम बिल्डिंग के पास नियोजन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे विस्थापित अप्रेंटिस छात्रों पर बीएसएल की सुरक्षा टीम और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने लाठीचार्ज कर दिया। इस घटना में 26 वर्षीय प्रेम महतो, की सिर में गंभीर चोट लगने से मृत्यु हो गई। लाठीचार्ज में कई अन्य प्रदर्शनकारी, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, घायल हो गए। घायलों को बोकारो जेनरल अस्पताल (बीजीएच) में भर्ती कराया गया,
प्रशासन के कदम
घटना के बाद बोकारो के उपायुक्त (डीसी) ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए देर रात एक बैठक बुलाई, जिसमें पुलिस अधीक्षक, बीएसएल के कार्यकारी निदेशक (ईडी), सीआईएसएफ के पुलिस उप महानिरीक्षक, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। डीसी ने घटना की पूरी जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए बीएसएल के मुख्य महाप्रबंधक (एचआर) हरी मोहन झा को गिरफ्तार करने का आदेश दिया, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हो गई।
बीएसएल प्रबंधन ने विस्थापितों की मांगों को मान लिया है। प्रमुख घोषणाओं में शामिल हैं:
- प्रशिक्षण पूरा कर चुके अप्रेंटिस को 21 दिनों में पद सृजित कर तीन महीने के भीतर नियुक्ति।
- प्रशिक्षण के लिए कोचिंग की व्यवस्था।
- मृतक प्रेम महतो के परिवार को 20 लाख रुपये मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी।
- घायलों को मुफ्त इलाज और 10,000 रुपये मुआवजा।
- विस्थापितों की अन्य मांगों पर हर माह 15 तारीख को बैठक और अनुश्रवण।
- घटना का विवरण
- विस्थापित अप्रेंटिस संघ के बैनर तले युवा लंबे समय से बीएसएल प्रबंधन से नियोजन के वादे पूरे करने की मांग कर रहे है। उनका कहना था कि प्लांट की स्थापना के समय उनकी जमीन ली गई थी और बदले में नौकरी का आश्वासन दिया गया था, लेकिन यह वादा अब तक अधूरा है। 3 अप्रैल को शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन के दौरान अचानक सुरक्षाबलों ने बल प्रयोग किया, जिसके परिणामस्वरूप प्रेम महतो की मौत हो गयी । मौत के बाद आक्रोशित विस्थापितों ने उग्र प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने तीन हाइवा वाहनों को आग लगा दी, नयामोड़ से सेक्टर 4 जाने वाली सड़क को जाम कर दिया, और लक्ष्मी मार्केट की दुकानों को बंद करा दिया। इसके अलावा, बोकारो जेनरल अस्पताल के मुख्य गेट पर टायर जलाकर विरोध जताया गया।
- नेताओं की प्रतिक्रिया
- डुमरी विधायक जयराम महतो घटनास्थल पर पहुंचे और बीएसएल के मुख्य गेट को जाम कर दिया। उन्होंने प्रबंधन पर विस्थापितों के साथ वादाखिलाफी का आरोप लगाया और कहा, “जिन्होंने अपनी जमीन देकर प्लांट को बसाया, आज उनके साथ ऐसा अन्याय हो रहा है। अब सड़क पर उतरने का समय आ गया है।” बोकारो विधायक श्वेता सिंह भी मौके पर पहुंचीं और लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा कि यह आंदोलन अब और तेज होगा। दोनों नेताओं ने विस्थापितों के हक की लड़ाई को समर्थन देने का वादा किया।
- मौजूदा हालात
- लाठीचार्ज और प्रेम महतो की मौत के बाद बोकारो में तनाव चरम पर है। एडीएम बिल्डिंग और अस्पताल के आसपास भारी संख्या में विस्थापित जुटे हैं। प्रदर्शनकारियों ने बोकारो बंद का आह्वान किया है, जिससे शहर में गहमागहमी बढ़ गई है। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है, लेकिन आंदोलन के और उग्र होने की आशंका बनी हुई है।