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IIIT Ranchi:-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी उपाधियाँ , 10 पदक विजेताओं में आठ लड़कियां , लड़कियों के सम्मान में बजवाई तालियां

IIIT Ranchi

प्रेरणा चौरसिया

Drishti  Now  Ranchi

ट्रिपल आईटी रांची के दूसरे दीक्षांत समारोह में मौजूद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मेडल जीतने वाली छात्राओं की तारीफ की. पदक जीतने वाले 10 छात्रों में से आठ, उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में कहा, महिला छात्र हैं। लड़कियों ने कहा है कि वह किसी से कम नहीं है। इस वजह से वह तारीफ के पात्र हैं। उन्होंने दावा किया कि उनके बीच अधिक पदक विजेता होने के परिणामस्वरूप इस संस्थान में महिला छात्रों की संख्या में वृद्धि होगी।

मैं सभी 109 छात्रों को बधाई देता हूं। लड़कियां कुल छात्र निकाय का एक छोटा प्रतिशत बनाती हैं। हालाँकि, अधिक विजेता हैं। मेरी राय में यह उपलब्धि है। जब वे इसे नोटिस करते हैं, तो महिला छात्र इस कार्यक्रम में दाखिला लेती हैं। जो छात्राएं महिला हैं वे सभी दिशाओं में झंडा फहरा सकती हैं। इसके अतिरिक्त, मैं इस स्कूल में और अधिक महिला छात्रों को नामांकित देखना चाहूंगा। निकट भविष्य में यह संस्थान अनुसंधान केन्द्र बनने का परचम लहराएगा।

इंटरप्रेन्योर कल्चर को बढ़ाया जा रहा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज उद्यमशीलता की संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है। नवाचार से राष्ट्र की उन्नति में काफी मदद मिलती है। मुझे विश्वास है कि भारत के हाई-टेक संस्थान नवाचार और प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करते हुए जनता की जरूरतों को पूरा करेंगे। उन्होंने सामाजिक न्याय के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया। वर्तमान में पूरे देश में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा दिया जा रहा है। हम स्ट्रीट वेंडर्स से सामान के लिए ऑनलाइन भुगतान करने में सक्षम होंगे, यह एक ऐसी चीज है जिसका हम कभी अनुमान नहीं लगा सकते थे। घर पर प्रौद्योगिकी महिलाओं को व्यवसायी बनने में मदद कर सकती है। भारत के आईटी क्षेत्र में लाखों लोग कार्यरत हैं। इंटरनेट के प्रसार के कारण युवा रोजगार के बारे में सीख रहे हैं। शहरों के युवा क्या कर रहे हैं? भारत प्रगति कर रहा है, हम गर्व के साथ कह सकते हैं।

ट्रिपल आइटी के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति, राज्यपाल और सीएम

सकारात्मक हो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल
उन्होंने कहा कि आज हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में जा रहे हैं। आपकी जिम्मेदारी है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सही इस्तेमाल कर रिसर्च पर काम करेंगे। देश को आगे बढ़ाएंगे। आप इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल ऐसा करें कि यह दिव्यांग और सीनियर सीटिजन के लिए मददगार साबित हो। इसपर ध्यान देने की जरूरत है।
प्रतिभा और रुचि के अनुसार आगे बढ़ें
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमारे विधार्थियों को हर तरीके से मजबूत होना होगा। आप अपनी प्रतिभा और रुचि के अनुसार आगे बढ़ें। आप हर दिन कुछ नया करें। हमेशा उत्कृष्टता पर जोर दें। आप एक ऐसे समय में व्यवहारिक दुनिया में कदम रख रहे जब हमारे देश को ग्लोबल पहचान मिल रही है। आपने जो यहां कौशल हासिल किए हैं। उसका इस्तेमाल कम सुविधा वाले लोगों के जीवन को सुधारने में लाएं। अपनी जीविका के साथ दूसरे की जीविका के बारे भी सोचें। हमारे युवा देश को विकसित राज्य बनाने में मदद कर सकते हैं। बस हम उन्हें सही दिशा दिखाएं। मैं सभी विजेताओं को बधाई देती हूं।

समाज के लिए हमेशा इनोवेटिव होकर सोचें
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि आप स्टूडेंट्स बेस्ट माइंड हैं। हमेशा बेहतर करने की सोचें। अपने ज्ञान का इस्तेमाल समाज की बेहतरी के लिए करें। हमेशा यह प्रयास करें कि समाज के लिए कुछ इनोवेटिव होकर सोचें। हारने की न सोचे और न ही इससे डरने की जरूरत है। अगर आप फेल हो रहे हैं तो समझिए कि आप कुछ बेहतर करने की दिशा में अग्रसर हो रहे हैं।

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स्किल को बढ़ावा देने पर सरकार दे रही जोर
सीएम हेमंत सोरेन ने संबोधित करते हुए कहा कि जमाना तकनीक का है। कौशल को निखारने का है। हमारा प्रयास है कि कम पढ़े लिखे युवा अपने स्किल को मांज कर आगे बढ़े। राज्य सरकार ने इसके लिए प्रयास किया है। सरकार ने डिटिजल स्कील यूनिवर्सिटी की परिकल्पना की है। यह 400 करोड़ रुपये से बनेगा। जहां कम पढ़े लिखे युवाओं को रोजगार से जोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि आज केवल आपके लिए खुशी का दिन नहीं है। यह खुशी इस राज्य के लिए भी है। दीक्षांत समारोह कैंपस में हो रहा है जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मौजूद हैं। झारखंड ऐसा राज्य है जहां देश की आजादी से पहले से उद्योग भी लगे और ऐसे शैक्षणिक संस्थान भी खुले जो देश में इकलौता है। जिसमें आइएसएम जो अब आईआईटी बन चुका है, शामिल है। एचइसी, टाटा, स्टील बोकारो इसी कड़ी में है। यह राज्य शैक्षणिक रूप से भी उन्नत है। झारखंड के बच्चों ने शिक्षा के क्षेत्र में देशभर में पहचान बनायी। सिविल सर्विसेस में भी अपनी झंडे गाड़े हैं।
अब का समय तकनीक का है। आज ढ़ेरो कंपनियां बिल्कुल मानव रहित काम कर रही हैं। एक समय मजदूर उद्योग चलाया जाता था लेकिन कंपिटीशन के दौर में तकनीक आगे आया। आज आपको बेहतर तकनीकी शिक्षा आपको यहां से मिली है। आगे जो आपकी सफर होगी वह मिल का पत्थर भविष्य में साबित होगा।

 

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