जमशेदपुर पुलिस ने हत्थे चढ़ा आर्मी का फर्जी चीफ इंजिनियर बन नौकरी दिलाने वाला गिरोह, चार गिरफ्तार
जमशेदपुर पुलिस ने हत्थे चढ़ा आर्मी का फर्जी चीफ इंजिनियर बन नौकरी दिलाने वाला गिरोह, चार गिरफ्तार
– देशभर में फैला था ठगी का जाल
– अब तक दो करोड़ की ठगी का हुआ खुलासा
– अन्य राज्यों की पुलिस भी कर रही थी तलाश
जमशेदपुर पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो भारतीय सेना में फर्जी चीफ इंजीनियर बनकर लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर देशभर में ठगी कर रहा था। पुलिस ने इस मामले में गिरोह के मास्टरमाइंड समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपियों में बोकारो के आदर्श नगर निवासी मनीष कुमार उर्फ अभय कुमार, दीपराज कुमार भट्टाचार्य उर्फ सोनू, आसनसोल निवासी दिनेश कुमार और मंतोष कुमार महाली शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से भारतीय सेना के दो फर्जी आईडी कार्ड, आर्मी का स्टांप, एक बिना नंबर की कार, टॉय गन और आर्मी के फर्जी ज्वाइनिंग लेटर बरामद किए हैं।
—
2022 से अब तक दो करोड़ की ठगी
गुरुवार को मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का मामला बिष्टुपुर थाने में दर्ज हुआ था। पुलिस ने जब इस पर जांच शुरू की तो कुछ संदिग्ध फोन नंबर मिले, जिनके जरिए मुख्य आरोपी मनीष कुमार तक पहुंचा गया। इस गिरोह की गतिविधियों पर आर्मी इंटेलिजेंस भी नजर रख रही थी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को बोकारो से, एक को आसनसोल से और एक को रांची से गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि 2022 से अब तक इनके बैंक खातों में दो करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है।
फर्जी ट्रेनिंग और ज्वाइनिंग देकर करते थे विश्वास हासिल
एसएसपी ने बताया कि आरोपी पहले नौकरी के नाम पर उम्मीदवार से कुल रकम का 10% ऑनलाइन जमा कराते थे। जब फर्जी ज्वाइनिंग लेटर जारी कर दिया जाता, तब बाकी की रकम ली जाती थी। एक ज्वाइनिंग के लिए यह गिरोह 4 से 5 लाख रुपये वसूलता था।
इतना ही नहीं, आरोपी आसनसोल के रेलवे अस्पताल में फर्जी मेडिकल भी कराते थे। ज्वाइनिंग के दिन वे खुद भी उस कार्यालय में मौजूद रहते थे, जहां उम्मीदवारों को तैनाती दी जाती थी। इस दौरान उनसे छोटे-मोटे काम भी कराए जाते थे, ताकि उन्हें भरोसा हो जाए कि नौकरी असली है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है।