झारखंड CGL एग्जाम पेपर लीक छात्र मिले राज्यपाल से , JSSC ने सफाई पेश की
झारखण्ड में एक बार फिर CGL एग्जाम का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। 21 -22 सितम्बर को JSSC ने CGL का एग्जाम लिया , कदाचार मुक्त एग्जाम करने के लिए सरकार ने दो दिनों तक पूरे झारखण्ड के इंटरनेट तक काट दिया था लेकिन वह भी फेल होगा या जैसे ही इंटरेनट दिया गया कई जगहों से पेपर लीक होने की खबरे आने लगी। छात्र सड़क पर उतर गए और अपना विरोध प्रदर्शन करने लगे। इधर विवाद बढ़ता देख JSSC ने भी अपनी सफाई फेश की ,
झारखण्ड में कोई भी प्रतियोगिता परीक्षा हो हमेशा विवादों में रहता है। JSSC – CGL के एग्जाम में भले ही ही दो दिनों 8 -8 घंटे तक इंटरनेट काटा गया लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात , एग्जाम ख़त्म होने के बाद से ही विद्यार्थी सड़को पर है। जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में धांधली का आरोप लगाकर छात्रों ने मोरहाबादी मैदान के पास प्रदर्शन किया। रोष जताते हुए अभ्यर्थियों ने इसकी उच्चस्तरीय जांच और परीक्षा रद्द करने की मांग की। अभ्यर्थियों ने कहा कि बहुत से छात्रों ने ओएमआर शीट खाली छोड़ दी, जो धांधली की ओर इशारा करता है। अभ्यर्थियों ने बताया कि हजारीबाग से आक्रोश मार्च शुरू होगा। परीक्षा रद्द नहीं हुई तो रांची में भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
छात्रों ने आरोप लगाया की धनबाद समेत कई परीक्षा केंद्रों में बाहर के अभ्यर्थियों को पहले ही आंसर शीट मिल गई थी। इंटरनेट सेवा बंद कर सरकार खुद साबित कर रही है कि वह गड़बड़ी में शामिल है। यूपीएससी, जेपीएससी जैसी परीक्षाओं में इंटरनेट बंद नहीं किया जाता है, लेकिन सीजीएल जैसी परीक्षा में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। आज छात्र संगठन महामहिम से मिला और पुरे एग्जाम की जाँच की मांग की
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग यानि JSSC के अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने एक प्रेस वार्ता के माध्यम से स्पष्ट किया है कि 21 और 22 सितंबर को आयोजित जेएसएससी सीजीएल परीक्षा को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियां पूरी तरह से निराधार हैं आयोग द्वारा परीक्षा के आयोजन हेतु सभी परीक्षा केदो पर 15,236 सीसीटीवी कैमरा और 9217 जैमर लगाए गए थे। सभी परीक्षा केदो पर परीक्षा निष्पक्ष कदाचार एवं शांतिपूर्ण संपन्न हुआ। उन्होंने कहा कि अगर प्रश्न पत्र लीक होने के मामले का प्रमाण मिलता है तो आयोग जांच करने को तैयार है। उन्होंने बताया कि प्रश्नपत्रों की प्रिंटिंग से लेकर परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र दिए जाने तक की सारी प्रक्रिया को सीसीटीवी कैमरे में कैद किया गया है। जिसकी मॉनिटरिंग भी तीन स्तरों पर की गई है। उन्होंने कहा की परीक्षा केंद्र पर सेंटर सुपरीटेंडेंट स्टेटिक मजिस्ट्रेट और आब्जर्वर के अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति को मोबाइल ले जाने की इजाजत नहीं थी। आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि अभ्यर्थियों द्वारा परीक्षा लिखे जाने के बाद पूरी प्रक्रिया अपनाते हुए विशेष निगरानी में आंसर शीट को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रखी गई है। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में कॉपियां की जांच की जाएगी।
गौरतलब है की इससे पहले भी जनवरी में जेएसएससी सीजीएल का एग्जाम हुआ और पेपर लीक हो गया था। पहले तो जससक ने किसी भी लीक से मुकर गया लेकिन जब सबूत आने लगे तो यू टर्न लेते हुए JSSC ने FIR दर्ज करवाई और फिर पेपर लीक मामले में सरकार ने एसआईटी गठित कर इस कांड में शामिल लोगों पर कार्रवाई तेज कर दी थी। मगर छात्र इससे संतुष्ट नहीं थे वे सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे। वैसे इस पेपर लिक मामले में सीट ने विधानसभा के दो कर्मचारियों की गिरफ़्तारी भी की है ।