fc73b3ba4a84e7373e89050497985faa original

इस तारीख से लग रहा खरमास (KHARMAS), जानें- एक महीने क्यों बंद रहते हैं शुभ काम?

मार्गशीर्ष और पौष मास के बीच हर साल खरमास(KHARMAS) आता है. सूर्य जब धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास (KHARMAS) लगता है. ज्योतिषविदों के अनुसार, खरमास में शादी-विवाह, सगाई, मुंडन और भवन निर्माण जैसे मंगल कार्य वर्जित माने जाते हैं. इस साल 16 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही खरमास(KHARMAS) लग जाएगा और इसका समापन 14 जनवरी को होगा. तब तक सभी शुभ कार्य बंद रहेंगे. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, बृहस्पति धनु राशि का स्वामी होता है. बृहस्पति का अपनी ही राशि में प्रवेश इंसान के लिए अच्छा नहीं होता है. ऐसा होने पर लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर पड़ जाता है. इस राशि में सूर्य के मलीन होने की वजह से इसे मलमास भी कहा जाता है. ऐसा कहते हैं कि खरमास में सूर्य का स्वभाव उग्र हो जाता है. सूर्य के कमजोर स्थिति में होने की वजह से इस महीने शुभ कार्यों पर पाबंदी लग जाती है. खरमास की पौराणिक कथा के अनुसार, सूर्यदेव अपने सात घोड़ों पर सवार होकर ब्रह्मांड का चक्कर लगाते हैं. इस परिक्रमा के दौरान सूर्य कहीं नहीं रुकते हैं. लेकिन रथ से जुड़े घोड़े विश्राम ना मिलने के चलते थक जाते हैं.

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

इन्हे भी पढ़े :- एचइसी (HEC) कर्मी पिछले ।। दिनों से हडताल पर कर्मियों ने निदेशक उत्पादन सह विवणन को 2 घंटे तक घेरे रखा।

यह देख सूर्यदेव भावुक हो जाते हैं और घोड़ों को पानी पिलाने के लिए एक तालाब के पास ले जाते हैं. तभी सूर्यदेव को आभास होता है कि अगर रथ रुका तो अनर्थ हो जाएगा.सूर्यदेव जब तालाब के पास पहुंचते हैं तो उन्हें वहां दो खर (गधे) दिखाई देते हैं. सूर्य अपने घोड़ों को पानी पीने के लिए तालाब पर छोड़ देते हैं और रथ से खर को जोड़ लेते हैं. खर बड़ी मुश्किल से सूर्यदेव का रथ खींच पाते हैं. इस दौरान रथ की गति भी हल्की पड़ जाती है. सूर्यदेव बड़ी मुश्किल से इस मास का चक्कर पूरा कर पाते हैं, लेकिन इस बीच उनके घोड़े विश्राम कर चुके होते हैं. अंतत: सूर्य का रथ एक बार फिर अपनी गति पर लौट आता है. ऐसी मान्यताएं हैं कि हर साल खरमास में सूर्य के घोड़े आराम करते हैं.अगर प्रेम विवाह या स्वयंवर का मामला हो तो विवाह किया जा सकता है. जो कार्य नियमित रूप से हो रहे हों, उनको करने में भी खरमास का कोई बंधन या दबाव नहीं है. गया में श्राद्ध भी इस अवधि में किया जा सकता है, उसकी भी वर्जना नहीं है.

इन्हे भी पढ़े :- पार्षद खोलेंगे नगर निगम (NAGAR NIGAM) के खिलाफ मोर्चा, सरकार से नगर निगम को भांग करने की करेंगे शिफारिश।

Share via
Send this to a friend