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गढ़वा के एसडीएम संजय कुमार की अनूठी पहल:खुद फावड़ा से नीवं खोदकर मुसहर टोली में आवास निर्माण की शुरुआत

गढ़वा के एसडीएम संजय कुमार की अनूठी पहल:खुद फावड़ा से नीवं खोदकर मुसहर टोली में आवास निर्माण की शुरुआत
झारखंड के गढ़वा जिले के सदर अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीएम) संजय कुमार ने अपनी सादगी, संवेदनशीलता और जनसेवा की भावना से एक मिसाल कायम की है। मेराल प्रखंड के बाना गांव में स्थित मुसहर टोली में पहुंचकर उन्होंने न केवल वहां रह रहे परिवारों की समस्याओं को गहराई से समझा, बल्कि उनकी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तत्काल कार्रवाई भी शुरू की। उनकी इस पहल ने न सिर्फ स्थानीय लोगों का दिल जीता, बल्कि यह भी दिखाया कि एक अधिकारी किस तरह जमीनी स्तर पर बदलाव ला सकता है।
क्यों लोग इनकी सादगी का कर रहे है चर्चा
 दरसल संजय कुमार ने हाल ही में बाना गांव की मुसहर टोली का दौरा किया, जहां उन्होंने वहां रह रहे परिवारों के जीवन स्तर और उनकी न्यूनतम आवश्यकताओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली। मौके पर तीन परिवार अस्थायी झोपड़ियों में रहते हुए पाए गए, जिनके पास पक्के मकान जैसी बुनियादी सुविधा तक नहीं थी। इन परिवारों की स्थिति को देखकर एसडीएम ने तुरंत कार्रवाई करने का फैसला किया। उन्होंने न केवल परिवारों से मुलाकात की, बल्कि उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना और उनके साथ समय बिताकर उनकी जरूरतों को समझा।
खुद फावड़ा चलाकर शुरू की नींव की खुदाई
एसडीएम संजय कुमार ने इस दौरे को केवल औपचारिकता तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने मौके पर ही पक्के आवास निर्माण की प्रक्रिया शुरू करवाई। खास बात यह रही कि उन्होंने खुद अपने हाथों से फावड़ा उठाकर नींव की खुदाई शुरू की। यह दृश्य न केवल प्रेरणादायक था, बल्कि मुसहर परिवारों के लिए एक उम्मीद की किरण भी लेकर आया। उनके इस कार्य ने यह संदेश दिया कि एक अधिकारी न सिर्फ नीतियां बना सकता है, बल्कि खुद मेहनत करके समाज के सबसे वंचित वर्गों के लिए बदलाव ला सकता है।
मुसहर परिवारों के चेहरों पर लौटी खुशी
जैसे ही आवास निर्माण का काम शुरू हुआ, मुसहर टोली में रहने वाले परिवारों के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई। बूढ़े, बच्चे और महिलाएं सभी अपने सपनों का घर बनता देख भावुक हो उठे। पक्के मकान की नींव देखकर उनकी आंखों में एक नई उम्मीद जगी। यह दृश्य इस बात का प्रमाण था कि छोटी-छोटी कोशिशें भी समाज के सबसे कमजोर तबके के लिए कितना बड़ा बदलाव ला सकती हैं।
सादगी और समर्पण का प्रतीक
संजय कुमार की यह पहल उनकी सादगी और जनता के प्रति उनके समर्पण को दर्शाती है। एक उच्च पद पर होने के बावजूद उनका जमीन से जुड़ा रहना और स्वयं फावड़ा चलाकर काम शुरू करना न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वे अपने कर्तव्यों को कितनी गंभीरता से निभाते हैं। उनकी इस पहल की चर्चा न सिर्फ गढ़वा जिले में, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी हो रही है। लोग उन्हें एक ऐसे अधिकारी के रूप में देख रहे हैं जो नौकरशाही की औपचारिकताओं से ऊपर उठकर वास्तव में जनता की सेवा में विश्वास रखता है।
सामाजिक बदलाव की दिशा में एक कदम
मुसहर समुदाय, जो सामाजिक और आर्थिक रूप से सबसे वंचित समुदायों में से एक है, के लिए पक्के मकान का निर्माण न केवल उनकी जिंदगी में स्थिरता लाएगा, बल्कि उनके आत्मसम्मान को भी बढ़ाएगा। संजय कुमार की यह पहल केंद्र और राज्य सरकार की आवास योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने का एक जीवंत उदाहरण है। यह कदम न सिर्फ मुसहर परिवारों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संदेश देता है कि विकास और समावेशिता के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
जाहिर है एसडीएम संजय कुमार का यह प्रयास गढ़वा जिले के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। उनकी सादगी, संवेदनशीलता और कार्य के प्रति समर्पण ने न केवल मुसहर टोली के परिवारों के जीवन में बदलाव की शुरुआत की, बल्कि अन्य अधिकारियों के लिए भी एक प्रेरणा स्थापित की है।

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