रांची में साइबर अपराधियों पर CID की ताबड़तोड़ कार्रवाई: चीनी ठगों के 7 भारतीय गुर्गे गिरफ्तार
रांची में साइबर अपराधियों पर CID की ताबड़तोड़ कार्रवाई: चीनी ठगों के 7 भारतीय गुर्गे गिरफ्तार
रांची, 5 जुलाई : झारखंड की राजधानी रांची में CID की साइबर क्राइम ब्रांच ने साइबर अपराध के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए सात अपराधियों को एक साथ धर दबोचा। ये सभी अपराधी चीनी साइबर ठगों के लिए भारत में प्यादों की तरह काम कर रहे थे, जो देशभर में निवेश घोटाले और डिजिटल अरेस्ट जैसे हाई-टेक फ्रॉड को अंजाम दे रहे थे।
होटल में मारा छापा, खुला ठगी का राज
CID को अपनी टेक्निकल टीम के जरिए खुफिया जानकारी मिली थी कि रांची के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र में ओलिव गार्डन होटल में साइबर अपराधियों का एक संगठित गिरोह जमा हुआ है। इस सूचना पर तुरंत एक्शन लेते हुए साइबर क्राइम ब्रांच ने होटल में छापेमारी की। इस ऑपरेशन में सात साइबर अपराधियों को पकड़ा गया। उनके कब्जे से 12 मोबाइल फोन, 11 लैपटॉप, 14 एटीएम कार्ड, चेकबुक और व्हाट्सएप व टेलीग्राम की 60 से ज्यादा चैट बरामद की गईं, जो इनके काले कारनामों की कहानी बयां कर रही थीं।
ऐसे चलता था चीनी ठगों का खेल
जांच में सामने आया कि ये अपराधी चीनी साइबर क्रिमिनल्स के लिए भारत में पर्दे के पीछे से खेल खेल रहे थे। चीनी ठग टेलीग्राम के जरिए एक खास एप्लीकेशन भेजते थे, जिसमें भारतीय एजेंट सिम कार्ड और बैंक खातों का डेटा इंस्टॉल करते थे। यह एप्लीकेशन ऑटोमैटिकली ओटीपी और बैंक डिटेल्स को चीनी सर्वर पर भेज देता था। इसके बाद चीन में बैठे अपराधी रिमोट एक्सेस के जरिए इन खातों से करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम देते थे।
देशभर में 68 मामले, NCPR पोर्टल पर दर्ज
गिरफ्तार अपराधियों के बैंक खातों का लिंक देशभर में दर्ज 68 साइबर अपराध के मामलों से जुड़ा हुआ है, जिनकी शिकायतें NCPR पोर्टल पर दर्ज हैं। अब तक की जांच में 60 म्युल (मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले) बैंक खातों के स्टेटमेंट प्राप्त हुए हैं, जो इस गिरोह के अपराधों की गहराई को दर्शाते हैं।
कौन हैं ये साइबर ठग ?
गिरफ्तार अपराधियों में शामिल हैं:
कुमार दीपक (सीवान, बिहार)
कुमार सौरभ (नालंदा, बिहार)
प्रभात कुमार (सीवान, बिहार)
लखन चौरसिया (सागर, मध्य प्रदेश)
शिवम कुमार (पटना, बिहार)
प्रदीप कुमार (पटना, बिहार)
CID की सख्ती का असर
जाहिर है यह कार्रवाई न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश में साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ा कदम है। CID की साइबर क्राइम ब्रांच ने साफ कर दिया है कि चाहे अपराधी कितने भी शातिर क्यों न हों, कानून का शिकंजा उन तक जरूर पहुंचेगा। जांच अभी जारी है और जल्द ही इस नेटवर्क से जुड़े अन्य बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।