नक्सलियों के गुरु प्रशांत बोस अब हो गए हैं लाचार.
गिरिडीह, दिनेश.
गिरिडीह : अपने युवा काल में ही नक्सल वाद को बढ़ावा देना तथा नए नक्सलियों को पैदा करना इस शख्स का था फितरत जिसका नाम है प्रशांत बोस। पांच दशक से झारखंड सहित छत्तीसगढ़ उड़ीसा बिहार पश्चिम बंगाल आंध्र प्रदेश सहित महाराष्ट्र में नक्सलवाड़ी का प्रचार प्रसार व संगठन विस्तार सहित खून खराबा एवं अमानवीय घटनाओं को अंजाम देने वाला प्रशांत बोस आज खुद ही अपंग बन चुका है।
प्रशांत बोस अब लगभग 93 वर्ष का हो चुका है तथा शारीरिक रूप से वह बिल्कुल क्रियाहीन हो चुका है लेकिन नक्सली संगठन भाकपा माओवादी में इस शख्स का धार कतई काम नहीं हुआ है फलस्वरुप संगठन ने इसे सारंडा जंगल में सुरक्षित ठिकाने में रखा है। जिसका स्पेशल देखरेख और सेवा करने में सारंडा के कुख्यात नक्सली टीम के प्रधान चमन उर्फ करमचंद को लगाया गया है। चलने फिरने में असमर्थ प्रशांत बोस को नक्सलियों द्वारा डोली के सहारे एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाया जाता है इसका खुलासा तब हुआ जब पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ होने के बाद एक डोली और प्रशांत बोस से संबंधित कुछ सामान बरामद किया गया था, हालांकि उस समय पुलिस कई स्थानों पर ऑपरेशन चलाया था लेकिन प्रशांत बोस पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाया था।
प्रशांत वर्ष पांच दशक से गिरिडीह के पारसनाथ जंगल में निवास करता था तथा धनबाद जिले के टुंडी स्थित नावाटांड़ गाँव की शिला नामक नक्सली साथी से शादी कर लिया था। प्रशांत की पत्नी के रूप में शीला का भी नक्सली संगठन में अच्छी पकड़ है। पारसनाथ में इस नक्सली ने कई बड़े बड़े नक्सलियों को जन्म दिया जिसमें अधिकतर इनामी नक्सली है। राज्य सरकार ने प्रशांत बोस पर एक करोड़ का इनाम घोषित किया है तो उन्हीं के शिष्य नक्सलियों में जैसे मिसिर बेसरा के ऊपर एक करोड़ का इनाम, चमन उर्फ कर्मचन्द हांसदा के ऊपर पच्चीस लाख का इनाम अनल दा उर्फ पति राम मांझी के ऊपर भी एक करोड़ रुपए का इनाम घोषित किया है।
प्रशांत के कई नक्सली साथियो पर एक लाख से एक करोड़ तक का इनाम घोषित हुआ है, जिसमें खुद प्रशांत बोस पर राज्य सरकार ने एक करोड रुपए का इनाम घोषित किया है। जानकार बताते हैं कि गुरीला युद्ध मे माहिर नक्सली हमेशा आधुनिक हथियारों से लेकर 10 लेयर सुरक्षा कवच के बीच बांधकर अपने इस नक्सली गुरु की रक्षा करते हैं, तथा हमेशा पुलिस बल सीआरपीएफ कोबरा बटालियन को आंख में धूल झोंकते हुए प्रशांत की रक्षा करते हैं।
अब देखना होगा कि पुलिस इस नक्सली आका को जिंदा या मुर्दा पकड़ पाती है या नहीं, हालांकि जानकार बताते हैं कि प्रशांत की तबीयत बिगड़ती चली जा रही है कभी भी इस दुनिया को अलविदा कह सकते हैं।