Ranchi News:-छात्र नेता मनोज यादव समेत कई और लोगो को पुलिस ने लिया हिरासत में , सीएम आवास से पहले ही रोका छात्रों को
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प्रेरणा चौरसिया
Drishti Now Ranchi
झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन आज से 60:40 नियोजन नीति का विरोध और 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को लेकर 72 घंटे के आंदोलन की शुरुआत हो गयी है।छात्रों के तमाम प्रयास के बाद भी सीएम आवास तक नहीं पहुंच सके। पुलिस ने छात्र नेता मनोज यादव सहित कई छात्र नेताओं को गिरफ्तार किया है। सीएम आवास के दो सौ मीटर के दायरे में धारा 144 लागू की गयी है।
मोरहाबादी से छात्रों का विरोध प्रदर्शन बापू वाटिका के पास ही रोक दिया गया। छात्र आगे बढ़ने के लिए ऑक्सीजन पार्क की तरफ बढ़ रहे हैं लेकिन उस तरफ भी प्रशासन ने बैरिकेडिंग की है। अब तक छात्रों ने चार रास्ते बदल लिए लेकिन उन्हें पहले ही रोक दिया गया है। लगभग 200 की संख्या में छात्र नियोजन नीति के विरोध में मुख्यमंत्री आवास घेरना चाहते हैं।
पहले चरण में आज स्टूडेंट्स सीएम हाउस का घेराव करेंगे। पूरे राज्य से लगभग 50 हजार स्टूडेंट्स मोरहाबादी मैदान में जुटे हैं। स्टूडेंट्स के इस आंदोलन को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर तमाम तैयारियां कर ली गयी हैं। आंदोलन के मद्देनजर 12 सौ पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
धारा 144 किया लागू
सीएम हाउस घेराव को देखते हुए जिला प्रशासन ने सीएम हाउस के दो सौ मीटर के दायरे में धारा 144 लगा दिया है। इसके अतिरिक्त चार कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स, इको, एसआइआरबी, आइआरबी, जैप-10 की महिला पुलिस, लाठी पार्टी और होमगार्ड की तैनाती की गयी है। वहीं राजधानी में तैनात छह डीएसपी के अतिरिक्त जिला के अन्य डीएसपी, जिले के विभिन्न थाना प्रभारियों सहित कई इंस्पेक्टर और दारोगा की तैनाती की गई है। इसके अतिरिक्त मजिस्ट्रेट की तैनाती भी की गयी है। छात्र सीएम हाउस तक न पहुंचे इसके लिए 36 जगह बैरिकेडिंग की गयी है। आंसू गैस और वाटर कैनन भी तैनात किए गए हैं।
क्या चाहते हैं स्टूडेंट्स
- झारखंड में बिहार की तर्ज पर नियोजन नीति लागू हो।
- बिहार पुनर्गठन अधिनियम 2000 की उपधारा 85 के तहत झारखंड सरकार को भी यह अधिकार है कि वह संयुक्त बिहार के समय का कोई भी अध्यादेश, गजट का संकल्प को अंगीकृत कर सकती है। इसी अधिकार के तहत बिहार की 3 मार्च 1982 वाली नियोजन नीति जिसका पत्रांक 5014/81-806 है, को अंगीकृत कर बिहार की तर्ज पर नियोजन नीति लागू करते हुए नियुक्तियां शुरू की जाएं।
- नियुक्ति फॉर्म भरते समय स्थानीय प्रमाण पत्र क्रमांक संख्या अनिवार्य रूप से भरने का प्रावधान किया जाए
- जनसंख्या के अनुपात में सभी वर्गों को जिला स्तर में आरक्षण लागू किया जाए
- झारखंड का एक स्पेशल पेपर का प्रावधान किया जाए, जिसमें झारखंड के रीति रिवाज, भाषा संस्कृति, परंपरा की अनिवार्यता हो
- राज्य स्तर तथा जिला स्तर के सभी तकनीकी तथा गैर तकनीकी परीक्षा में क्षेत्रीय भाषा का पेपर अनिवार्य किया जाए
- मूल झारखंडी छात्रों को पांच वर्ष का उम्र सीमा में विशेष छुट दी जाए
- उत्तराखंड की तर्ज़ पर परीक्षा नकल विरोधी कानून लागू किया जाए
कल राजधानी सहित जिला मुख्यालयों में मशाल जुलूस
19 अप्रैल 2023 के झारखंड बंद को एतिहासिक सफल बनाने के लिए 18 अप्रैल को संपूर्ण झारखंड के जिला और प्रखंड मुख्यालय में मशाल जुलूस निकाला जायेगा। जिसमें रांची में जयपाल सिंह स्टेडियम के समक्ष एकत्रित होकर शाम 5 बजे अल्बर्ट एक्का चौक तक मशाल जुलूस निकाला जायेगा। 19 अप्रैल 2023 को सुबह से सड़क पर उतरकर झारखंड बंद को ऐतिहासिक सफल बनाने का प्रयास होगा। आकस्मिक सेवा को बंदी से मुक्त रखा जायेगा।
क्यों आंदोलन कर रहे युवा
राज्य सरकार ने नियुक्ति के लिए जो नीति बनायी है, उसे स्टूडेंट्स राज्य हित में नहीं मान रहे हैं। उनका कहना है कि अगर इस नीति के अनुसार नियुक्तियां हुई तो राज्य के युवाओं की नियुक्ति में सेंधमारी हो जाएगी। राज्य सरकार को ऐसी नियोजन नीति बनानी चाहिए जो यहां के युवाओं को नौकरी सुनिश्चित कर सके।
पहले भी कर चुके आंदोलन
नियोजन नीति के विरोध को लेकर युवाओं ने पहले भी आंदोलन किया है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी आंदोलन किया था। इसके बाद बजट सत्र के दौरान भी आंदोलन किया। राज्य के युवाओं ने 23 मार्च को 60:40 नियोजन नीति का विरोध और 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को लेकर विधानसभा का घेराव भी किया था। तब पुलिस प्रशासन की ओर से सख्ती बरतते हुए लाठीचार्ज और आंसू गैस भी छोड़ा गया था।