कोडरमा में सात साल के मासूम पर स्कूल प्राचार्य की क्रूरता: क्लास वर्क गुम होने की दी ऐसी सजा जिससे परिजनों का गुस्सा फूटा
सात साल के मासूम पर स्कूल प्राचार्य की क्रूरता: कोडरमा में मासूम की पिटाई से फटी चमड़ी, परिजनों का गुस्सा फूटा
कोडरमा, झारखंड: एक दिल दहला देने वाली घटना ने कोडरमा जिले के नवलशाही थाना क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। जमडीहा गांव के निवासी भानु सिंह ने साईं इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल, असनाबाद के प्राचार्य रितेश कुमार पर उनके 7 साल के भांजे राज कुमार के साथ बेरहमी से मारपीट करने का गंभीर आरोप लगाया है। यह मासूम बच्चा स्कूल के हॉस्टल में रहकर यूकेजी में पढ़ाई करता है। इस घटना ने न केवल परिजनों का दिल तोड़ा, बल्कि पूरे समुदाय में आक्रोश की लहर दौड़ा दी।
मासूम के शरीर पर डंडे के निशान, चमड़ी तक फटी
भानु सिंह ने बताया कि वे अचानक अपने भांजे से मिलने स्कूल पहुंचे थे। वहां का नजारा देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। बच्चे के शरीर पर डंडे से मारपीट के गहरे निशान थे, और कई जगह चमड़ी तक फट चुकी थी। भानु ने कहा, “मेरा दिल टूट गया जब मैंने अपने भांजे की हालत देखी। एक मासूम बच्चे के साथ ऐसी क्रूरता कैसे हो सकती है?” परिजनों ने तुरंत बच्चे को नवलशाही के एक निजी क्लिनिक में इलाज के लिए ले गए और उसे अपने साथ घर ले आए।
प्राचार्य का कबूलनामा: गुस्से में की पिटाई
प्राचार्य रितेश कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि बच्चे ने छह महीने के नोट्स को पानी में भीगोकर बर्बाद कर दिया था, जिसके चलते गुस्से में उन्होंने बच्चे की पिटाई कर दी। उन्होंने कहा, “यह गुस्से में हुई गलती थी, और मैंने बच्चे के अभिभावक से माफी मांग ली है।” लेकिन परिजनों का कहना है कि माफी से मासूम के शरीर और मन पर पड़े जख्मों का दर्द कम नहीं होगा।
परिजनों का आक्रोश, पुलिस में शिकायत दर्ज
बच्चे के परिजनों ने इस क्रूरता के खिलाफ आवाज उठाते हुए नवलशाही थाने में प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। थाना प्रभारी शशिभूषण कुमार ने बताया, “हमें मामले की जानकारी मिली है। पीड़ित के आवेदन पर स्कूल संचालक और प्राचार्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
समुदाय में गुस्सा, उठ रहे सवाल
क्या एक छोटी सी गलती के लिए मासूम को इतनी बेरहमी से पीटा जाना उचित है? क्या स्कूल, जो बच्चों का दूसरा घर माना जाता है, अब सुरक्षित नहीं रहे?
स्थानीय निवासियों और परिजनों ने मांग की है कि इस मामले की गहन जांच हो और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में कोई भी शिक्षक मासूमों पर इस तरह का अत्याचार न कर सके।
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