अमरनाथ यात्रा 2025: 42,000 सुरक्षाकर्मियों का सुरक्षा कवच, CRPF-BSF समेत 5 बलों की तैनाती
जम्मू-कश्मीर में 3 जुलाई से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए केंद्र सरकार ने सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए हैं। इस बार तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 581 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) कंपनियों की तैनाती की गई है, जिसमें करीब 42,000 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। यह तैनाती हाल के आतंकी हमलों, विशेष रूप से 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के बाद बढ़ाई गई है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।
गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), और सशस्त्र सीमा बल (SSB) के जवान इस सुरक्षा घेरे का हिस्सा होंगे। जानकारी के अनुसार, 156 कंपनियां पहले से ही जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं, जबकि 425 अतिरिक्त कंपनियां 10 जून तक पहुंच जाएंगी।
सुरक्षाकर्मी अमरनाथ गुफा मंदिर, पहलगाम और बालटाल मार्गों, तीर्थयात्रियों के काफिलों और संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। CRPF द्वारा प्रदान की जाने वाली RFID सुविधा, जो 2022 में शुरू की गई थी, इस बार भी प्रत्येक तीर्थयात्री को दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, 4,000 कैमरे और GPS से लैस वाहनों के साथ 24 घंटे निगरानी की जाएगी। खास तौर पर पहलगाम मार्ग पर फिदायीन हमलों और IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) खतरों को रोकने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को जम्मू में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए पहुंचे। CRPF के महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह और BSF के महानिदेशक दलबीर सिंह चौधरी ने भी यात्रा की तैयारियों का जायजा लिया। जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर एक विस्तृत सुरक्षा योजना तैयार की गई है, ताकि यात्रा सुचारु और सुरक्षित हो।
3 जुलाई से 9 अगस्त तक चलने वाली 38 दिनों की यह यात्रा 3,880 मीटर ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में बने प्राकृतिक हिम-शिवलिंग के दर्शन के लिए है। पिछले साल 2024 में 5.12 लाख श्रद्धालुओं ने यह यात्रा की थी, जो एक दशक में सबसे अधिक थी। हालांकि, हाल के आतंकी हमलों के कारण कुछ तीर्थयात्रियों ने अपनी यात्रा रद्द की है, लेकिन सरकार का दावा है कि इस बार सुरक्षा के कड़े इंतजामों के साथ यात्रा पूरी तरह सुरक्षित होगी।