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NIAफैजान को रिमांड पर लेकर करेंगी पूछताछ ,फैजान का था बस एक ही मकसद,तबाही …तबाही..तबाही।

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आइएसआइएस के आतंकी के रूप में जिस फैजान अंसारी को एनआईए की टीम ने गिरफ्तार किया है, वह आइएसआइएस के साथ ही जुडने के उद्देश्य से आतंक के रास्ते पर चल पडा था, बल्कि फैजान किसी भी आतंकी संगठन के साथ जुडकर तबाही मचाने को बेचैन था। सुरक्षा एजेंसियों ने जब फैजान अंसारी से पूछताछ की तो उसने साफ तौर पर कहा कि वह अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जाने के बाद कई लोगों के संपर्क में आया था। इसके बाद उसने कई आतंकी संगठनों से संपर्क करने की कोशिश की थी। जिसमें अलकायदा, आइएसआइएस, सिम्मी सहित कई आतंकी संगठन थे। अंततः उसे आइएसआइएस से संपर्क करने में ही कामयाबी मिल पाई।

सुरक्षा एजेंसियों की माने तो वह किसी भी हाल में देश में तबाही मचाना चाहता था। फैजान की गिरफ्तारी के बाद उसके घर के आसपास का माहौल बिल्कुल बदल गया है। मोहल्ले के लोग उसके घर से दूरी बनाए हुए हैं। किसी भी अनजान व्यक्ति को संदेह की निगाहों से देखा जा रहा है। कुछ बात करने की कोशिश करने पर भी कोई कुछ करने को तैयार नहीं होता। यहां तक कि लोग बात करने को भी तैयार नहीं हैं। किसी अनजान व्यक्ति को देखकर लोग घर के अंदर चले जा रहे हैं। फैजान का परिवार भी घर के अंदर ताला बंद कर रह रहा है। परिवार के सदस्य घर से बाहर कम निकल रहे हैं। लोहरदगा जिले में आतंक का यह बीज अचानक से पेड़ नहीं बन गया, बल्कि काफी पहले लोहरदगा जिले में कुछ असामाजिक तत्वों का आना-जाना और युवाओं को भड़काने का सिलसिला चलता रहा है।

आठ साल पहले ओड़िशा से गिरफ्तार हुआ अलकायदा का आतंकी अब्दुल रहमान कतकी रांची के चान्हो, मांडर, बेड़ों और लोहरदगा के एक खास इलाके में अपना कार्यक्रम कर भाषण दे चुका है। जिसके बाद इस क्षेत्र में युवाओं के सोच में बदलाव भी देखा गया था। हालाकी जब बुद्धिजीवी वर्ग को इस बात की जानकारी हुई तो लोगों को समझा कर और उन्हें आतंकियों का मकसद बताकर सांप्रदायिक माहौल और आतंक के साए से उन्हें निकालने की कोशिश की गई। फिर भी कतकी का भाषण यहां कई लोगों को प्रभावित कर गया था। क्षेत्र में लगातार कुछ ऐसे असामाजिक तत्व सक्रिय रहे हैं, जिसकी वजह से यहां आतंक की पाठशाला चलने की आशंका भी सुरक्षा एजेंसियों को हमेशा से रही है। इस बात को लेकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी खुलकर अपनी बातें कही थी। रघुवर दास ने भी कहा था कि लोहरदगा में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं कोई सामान्य घटना नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक सोची समझी साजिश और आतंकी संगठन की योजना हैं। जिसके बाद इस मामले को लेकर खूब हाय तौबा मचा था। अब फैजान की गिरफ्तारी के बाद फिर इस बात की चर्चा शुरू हो चुकी है।

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